'2007 की हमारी वनडे टीम, 2003 और 2011 वाली Team से बेहतर थी', Virender Sehwag ने दिया चौंकाने वाला बयान

सहवाग ने कहा कि 2007 के एडिशन में भारतीय टीम उस समय दुनिया में "सर्वश्रेष्ठ टीम" थी, यही वजह है कि 2003 में फाइनल में हार से ज्यादा 2007 में पहले राउंड में बाहर होने पर हमें चोट लगी थी।

author-image
By Puneet Sharma
New Update
Image Credit Bcci

Image Credit Bcci

टीम इंडिया (Team India) के धाकड़ बल्लेबाज रहे वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) ने 2007 के एकदिवसीय विश्व कप (WC 2007) में टीम इंडिया के उस बुरे दौर को, जब भारत ग्रुप स्टेज में हारकर बाहर हो गया था, याद करते हुए एक बड़ी बात कही है। सहवाग ने कहा कि 2007 के एडिशन में भारतीय टीम उस समय दुनिया में "सर्वश्रेष्ठ टीम" थी, यही वजह है कि 2003 में फाइनल में हार से ज्यादा 2007 में पहले राउंड में बाहर होने पर हमें चोट लगी थी। 

ये भी पढ़ेंः Roger Binny ने Wrestlers Protest मामले में पल्ला झाड़ा, बयान पर साइन करने से किया इंकार

2007 में टीम का नेतृत्व राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने किया था और इस टीम में भारतीय क्रिकेट के कई दिग्गज स्क्वाड का हिस्सा थे। इन दिग्गजों में सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली, वीरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह, एमएस धोनी, रोहित शर्मा, इरफान पठान, गौतम गंभीर, जहीर खान, हरभजन सिंह और अनिल कुंबले भी शामिल थे। फिर भी इस टीम को बांग्लादेश और श्रीलंका से हारने के बाद ग्रुप स्टेज से ही बाहर होना पड़ा था। टीम नॉक आउट के लिए क्वालिफाई नहीं कर सकी थी। 

ये भी पढ़ेंः Shubman Gill की अभी Sachin Tendulkar और Virat Kohli से तुलना सही नहीं, GT के कोच Gary Kirsten ने कहा

सहवाग ने इसे बताया सर्वश्रेष्ठ टीम 

Image Credit Bcci

वीरेंद्र सहवाग ने ब्रेकफास्ट विद चैंपियंस पर गौरव कपूर के साथ बातचीत में बताया "2007 के वनडे विश्व कप में हार हमारे लिए एक बहुत बड़ा धक्का थी, क्योंकि 2007 में हमारी टीम उस समय दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम थी। कागज पर आपको इससे बेहतर टीम नहीं मिलेगी, न तो इससे पहले और न ही इसके बाद में। हालांकि 2003 में हम उपविजेता थे और  2011 में हम चैंपियन भी बने थे, लेकिन हमारे पास तब भी इतने बड़े नाम कभी नहीं थे। 2007 में हालांकि इसके बावजूद भी हम 2 मैच हारे और सिर्फ 1 मैच बरमूडा के खिलाफ जीता।"

ये भी पढ़ेंः David Warner ने Retirement को लेकर किया खुलासा, ये मैच होगा उनका आखिरी मैच

भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरू ने आगे कहा "हम सभी ने सोचा कि हम अगले दौर में पहुंचेंगे। लीग चरण के बाद हमारे पास दो दिन का ब्रेक था। लेकिन हम हार गए, हमारे पास वापसी का टिकट नहीं था। हमें बिना किसी अभ्यास के त्रिनिदाद और टोबैगो में दो दिन अतिरिक्त रुकना पड़ा। उन दो दिनों में मैंने रूम सर्विस या हाउस कीपिंग के लिए भी नहीं कहा। मैंने कमरे से बाहर कदम भी नहीं रखा।" 

ये भी पढ़ेंः पहले 2 Ashes टेस्ट के लिए England Squad घोषित, इस युवा खिलाड़ी को मिली टीम में जगह

कई दशको में सबसे खराब था प्रदर्शन 

Image Credit Bcci

ये पिछले कई दशकों में टीम इंडिया का सबसे खराब प्रदर्शन था। इससे पिछले विश्व कप 2003 में टीम रनर अप रही थी। अगले विश्व कप 2011 (WC 2011) में टीम इंडिया ने खिताब जीतकर, हालांकि इसकी भरपाई कर ली। इसके बाद 2015 और 2019 में भी टीम लगातार सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल रही। इसलिए भारतीय खेल प्रेमी उस 2007 के वनडे विश्व कप को एक बुरा सपना मानते हैं। 

Latest Stories