भाई दौज पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को खास तोहफा, पुरुष और महिला क्रिकेटर को मिलेगी एक समान सैलरी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड यानी बीसीसीआई ने आज 27 अक्टूबर गुरुवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला दिया है। बीसीसीआई ने अब पुरुष और महिला क्रिकेटर को मिलने वाली वेतन को सामान करने का फैसला किया है, जिसके बाद दोनों को मिलने वाली वेतन में अब कोई भेदभाव नहीं रहेगा। 

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By Abhishek Kumar
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भाई दौज पर भारतीय महिला क्रिकेट टीम को खास तोहफा, पुरुष और महिला क्रिकेटर को मिलेगी एक समान सैलरी

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने 27 अक्टूबर, गुरुवार को एक बड़ा और ऐतिहासिक फैसला लिया है। बीसीसीआई ने अब पुरुष और महिला खिलाड़ियों को मिलने वाली वेतन को सामान करने का फैसला किया है, जिसके बाद दोनों को मिलने वाली वेतन में अब कोई भेदभाव नहीं रहेगा। 

आपको बता दें, बीसीसीआई द्वारा जारी इस वेतन इक्विटी पॉलिसी की मांग पिछले लंबे वक्त से की जा रही थी, जिसे बोर्ड सचिव जय शाह ने भाई दौज के इस खास मौके पर पूरी करते हुए एक ट्वीट किया है।

अब भारतीय महिलाओं को भी मिलेगा पुरुष क्रिकेटरों के बराबर वेतन

बीसीसीआई द्वारा जारी वेतन इक्विटी पॉलिसी के बारे में जय शाह ने बताते हुए कहा है, "यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बीसीसीआई ने इस भेदभाव को दूर करने के लिए पहला कदम उठाया है। हम अपनी कॉन्ट्रैक्टेड महिला खिलाड़ियों के लिए वेतन इक्विटी पॉलिसी लागू कर रहे हैं।"

बीसीसीआई सचिव ने आगे कहा, "हम अब लैंगिक समानता के नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में इस पॉलिसी के तहत अब महिला और पुरुष क्रिकेटरों के लिए सामान मैच फीस मिलेगी। मतलब अब महिलाओं को भी पुरुष के बराबर ही मैच फीस मिलेगी।"

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अभी क्या है महिला और पुरुष को मिलने वाली मैच फीस?

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मौजूदा समय में अगर पुरुष क्रिकेटर के मैच फीस की बात करे तो एक टेस्ट में 15 लाख, एक वनडे में 6 लाख और एक टी20 मैच में 3 लाख रूपए मिलते हैं। अभी औसतन तुलना करें तो महिला क्रिकेटरों को प्रतिदिन मैच के लिए 20 हजार रूपए मिलते हैं। 

वहीं पुरुष क्रिकेटर को प्रतिदिन मैच फीस के तौर पर 60 हजार रूपए मिलते हैं। यहीं महिला और पुरुष खिलाड़ियों के बीच में एक बड़ा अंतर पैदा कर रहा था, जिसके बाद बीसीसीआई का यह फैसला स्वागत योग्य है। आपकों बता दें, इसी साल जुलाई में न्यूज़ीलैंड की क्रिकेट बोर्ड ने पुरुष और महिला खिलाड़ियों की एक सामान सैलरी (मैच फीस) का फैसला सुनाया था, जिसकी दुनिया भर में काफी तारीफ हुई थी। 

अब बीसीसीआई के इस निर्णय के बाद हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश के क्रिकेट बोर्ड भी इस भेदभाव को खत्म कर पुरुष और महिला खिलाड़ियों की एक सामान सैलरी का फैसला सुनाएंगे।

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