भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज ट्रॉफी का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और जेम्स एंडरसन के नाम पर रख दिया गया है। जी हां, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इस बात की पुष्टि की है। पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर अब एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया है।

सचिन तेंदुलकर ने एक इंटरव्यू के दौरान खुलासा किया है कि जैसे ही ट्रॉफी का नाम बदले जाने की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई, तुरंत वह फोन करके इस विषय में चर्चा किये। आइए जानते हैं ट्रॉफी का नाम बदलते ही सचिन ने सबसे पहले किसे और क्यों फोन किया ?

सचिन ने पटौदी परिवार से क्यों किया संपर्क ?

सचिन तेंदुलकर ने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें पता था कुछ महीने पहले BCCI और ECB ने पटौदी ट्रॉफी को रिटायर कर दिया था। लेकिन उन्हें जैसे ही यह पता चला कि इस ट्रॉफी का नाम अब उनके और एंडरसन के नाम पर रखा जा रहा है, तो वह तुरंत पहला फोन पटौदी परिवार को किया।

Sachin Tendulkar
Sachin Tendulkar

उन्होंने इसके आगे बताया कि टाइगर पटौदी ने कई पीढ़ियों को प्रेरित करने में अहम भूमिका निभाई और इसे कभी अनदेखा कर भुलाया नहीं जाना चाहिए। बता दें, टाइगर पटौदी के योगदान को याद रखने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया गया है।

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''पटौदी मेडल'' का हुआ आगाज

भारत और इंग्लैंड टेस्ट सीरीज ट्रॉफी का नाम पटौदी ट्रॉफी से बदलकर अब भले ही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी रख दिया गया है। लेकिन अब ''पटौदी मेडल'' का आगाज हो गया है। अब सीरीज जीतने वाली टीम के कप्तान को ‘पटौदी मेडल फॉर एक्सीलेंस’ दिया जाएगा।

''पटौदी मेडल'' से Sachin Tendulkar हुए बहुत खुश

ये बड़ा फैसला सचिन, आईसीसी चेयरमैन जय शाह और ECB अधिकारियों के बीच चर्चा के बाद लिया गया है। इस बात की जानकारी खुद सचिन ने इंटरव्यू में साझा की। इस मेडल को लेकर सचिन ने कहा, ''मैं बहुत खुश हूं कि हमारी चर्चाओं में इस तरह का ध्यान दिया गया और आखिरकार उनके सम्मान में मेडल देने का विकल्प सामने आया।''

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