Rohit Sharma: सिडनी टेस्ट शुरु होने से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा को लेकर काफी सारी बातें की जा रही थी। वहीं आखिरी टेस्ट में उनके अंतिम-11 में न होने के चलते इन चर्चाओं को काफी हवा मिली। सोशल मीडिया पर रिपोर्ट्स आने लगी कि 37 वर्षीय खिलाड़ी को ड्रॉप किया गया है।
कोच गौतम गंभीर ने उनपर एक्शन लिया है व अगली टेस्ट सीरीज में रोहित टेस्ट प्लान में नहीं होंगे। इन सभी अटकलों पर हिटमैन ने विराम लगा दिया है। दूसरे दिन के खेल में लंच के समय स्टार स्पोर्ट्स के साथ बातचीत के दौरान रोहित शर्मा ने इन सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया। आगे इस आर्टिकल में हम विस्तार से सब जानने वाले हैं।
सिडनी टेस्ट को लेकर Rohit Sharma का दो टूक जवाब
"देखिए पेशेंस का गेम होगा। टप्पे पर गेंद लगातार डालना होगा। जिस तरीके से विकेट खेल रहा था हमारे बैट्समैन के लिए मुश्किल हुआ है हमें पता था उनके लिए भी मुश्किल होने वाला है। हमारे लिए चैलेंज यह था कि हम कैसे प्रेशर मेंटेन करते रहेंगे। जो सेशन गया है उसमें हमें पांच विकेट मिला है। लड़कों ने अच्छा बॉल डाला है, कैच अच्छे पकड़े हैं और अभी जो सेशन होगा काफी अहम होगा।"
बुमराह बनाम कोंस्टस पर Rohit Sharma ने ये कहा
"देखिए हमारे लड़के जब तक शांत है तब तक शांत है। अगर तुम उंगली करते ही रहोगे तो यार थोड़ी कोई शांत बैठेगा। क्रिकेट खेलो, यह फ़ालतू की चीज़ें, बोल बच्चन करना, यह सब यह शोभा नहीं देता है। हमारे लड़के क्लासी हैं। हम ज़्यादा फोकस करते हैं कि हमारा काम क्या है, उस चीज़ पर ध्यान देना। हमारे लिए उस समय पर बहुत ज़रूरी था कि एक दो विकेट ले ले, तो शायद सुबह जब पहला सेशन शुरु होगा, तो उनके ऊपर दबाव बना रहेगा।"
ड्रॉप किए जाने की खबरों का किया खंडन
"न मुझे ड्रॉप किया गया, न मुझे रेस्ट दिया गया और न ही मैंने बाहर बैठना चुना। मैंने बस अपने आप को इलेवन में जगह नहीं दी। देखिए, मैं बोलूंगा कुछ एक शब्द पर बनाने के लिए पचासों शब्द है। दरअसल मेरी बात कोच और चयनकर्तां के साथ ये हुई कि मेरे बैट से रन नहीं हो रहे है, फॉर्म नहीं है। सामने एक अहम मैच है। हमें फॉर्म वाले प्लेयर चाहिए। हमारी वैसे भी बैटिंग में उतनी लड़कों की फॉर्म नहीं चल रही है। तो आप अधिक आउट ऑफ फॉर्म खिलाड़ियों को टीम में नहीं ढो सकते।"
"यह सिंपल सी चीज़ मेरे दिमाग में चल रही थी। इसलिए मैंने यह चीज़ कोच और चयनकर्तां को बताया कि ऐसे मेरे अंदर ये चल रहा है। उन्होंने मेरे फैसले को सपोर्ट किया। उन्होंने बोला कि आप इतने साल से खेल रहे हो, आपको मालूम है आप क्या कर रहे हो और क्या नहीं कर रहे हो। मेरे लिए यह फैसला लेना मुश्किल था। मैं ज्यादा आगे की नहीं सोच रहा था। इस समय क्या करना चाहिए, मैंने इसपर ध्यान दिया।"
बताया कब लिया बाहर बैठने का फैसला
"मैंने सिडनी में आकर यह फैसला लिया। क्योंकि मैच खत्म होने के बाद हमारे पास सिर्फ दो दिन थे बीच में और उसमें भी एक दिन न्यू ईयर था। न्यू ईयर के मौके पर कि मुझे सेलेक्टर्स और कोच को यह चीज़ नहीं बताना था। दिमाग में मेरे चल रहा था कि मैं कोशिश कर रहा हूं पर हो नहीं रहा है तो इसे स्वीकार करना पड़ेगा कि नहीं हो रहा है और मेरे लिए बाहर बैठना जरूरी हो गया था।"
"जब मैं पर्थ पहुंचा तो यह बिल्कुल स्पष्ट था कि हमने उस मैच में जीत क्यों हासिल की। इसके दो कारण थे, जाहिर तौर पर हमें 150 रन पर आउट किया गया और फिर अंततः हमने उन्हें सौ रन पर बोल्ड आउट कर दिया। हमारे पास 50 रनों की बढ़त थी और फिर खेल की दूसरी पारी में भी, जो 200 की साझेदारी हुई, मुझे लगता है कि वह गेम चेंजर थी। इसीलिए हमने वो मुकाबला जीता।"
"हम लोगों को पता है कि यहां की पिचों पर बॉलर के लिए काफी मदद है तो बॉलर लोग काम करेंगे ही करेंगे। लेकिन बैट्समैन के लिए चुनौती है लेकिन इसको केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल ने बड़े अच्छे तरीके से संभाला और टीम को एक अच्छी स्थिति में लाकर रख दिया कि वहां से हम मैच तो हार नहीं सकते थे। तो यह सब चीज़ दिमाग में थी तो अगर वह चीज़ दिमाग में है तो उसमें छेड़खानी करने की कोई ज़रूरत नहीं है।"
"एक और चीज़ में बोलूंगा मैं जब भी कप्तानी करता हूं तो पांच महीने के बाद क्या होने वाला है छह महीने के बाद क्या होने वाला उसपर ध्यान नहीं देता। वर्तमान में क्या चाहिए, ये चीज़ पे ध्यान देना ज़रूरी है। हमारा पूरा फोकस ये पांच मैच में था। हमको जीतना था।तो ये सब जो फैसले लेते हैं वो टीम को सामने रखते हुए लेते हैं।"
रिटायरमेंट नहीं लेंगे भारतीय कप्तान
"देखिए जैसे मैंने बताया कि यह जो निर्णय है यह कोई संन्यास का निर्णय नहीं है। ना ही मैं टेस्ट क्रिकेट छोड़ रहा हूं। मैं बस इस मैच से बाहर हूं क्योंकि बल्ला नहीं चल रहा है। कोई गारंटी नहीं है कि पांच महीने के बाद बल्ला नहीं चलेगा। हमने क्रिकेट में बहुत देखा है, हर मिनट, हर सेकंड, हर दिन जिंदगी बदलती है चीजें बदल जाएंगी। लेकिन साथ ही आप जानते हैं कि मुझे प्रैक्टिकल भी होना होगा।"
"कोई बंदा अंदर माइक लेकर बैठा है या लैपटॉप लेकर बैठा है या पेन लेकर बैठा है, क्या लिखता है, क्या बोलता है, उससे हमारी जिंदगी नहीं बदलती है। हमने यह गेम खेला इतने साल से, तो यह लोग नहीं तय कर सकते कि हम कब जाए या हम कब नहीं खेले या हमें कब बाहर बैठना है या हम कब कप्तानी करें। समझदार आदमी हूं, मैच्योर आदमी हूं, दो बच्चे का बाप हूं तो मेरे पास थोड़ा सा दिमाग है कि मेरे को लाइफ में क्या चाहिए।"
ड्रेसिंग रूम चैट लीक पर बड़ा बयान
"नहीं देखिए चुभता नहीं है क्योंकि सारे लड़के यहां पर है ना स्टील से बने हुए है और यह हमने कोशिश की है की लड़कों को ऐसे ही बनाना है यार। वो हम नहीं कंट्रोल कर सकते ना। जो चीज़ हम कंट्रोल नहीं कर सकते उसके ऊपर ध्यान देकर या उसके ऊपर ज़्यादा समय बर्बाद कर के कुछ होने नहीं वाला है। तो सारे लड़कों को पता है कि यार ऐसी चीज़ें जो बाहर होती है, होने दो यार क्या कर सकते हैं? आप अपना गेम खेलो, ध्यान रखो कि कैसे मैच को जीता जाए। अपना गेम कैसे सुधारना है, यही सब चीज़ पे ध्यान दे सकते हैं उससे ज़्यादा हम क्या कर सकते हैं।"
"मेरे को क्या मैं इतने दूर से आया हूं यहां पर मैं बाहर बैठने थोड़ी आया हूं या मैच नहीं खेलने थोड़ी आया हूं। मैच खेलने है यार और मेरे को जीतना है टीम को जिताना है। पहले दिन जब आया था यार ड्रेसिंग रूम में 2007 में तब से लेकर अभी तक यही है की यार मैच जीतना है। टीम को जिताना है पर कभी कभी आपको समझना पड़ेगा की टीम की ज़रूरत क्या है यार अगर टीम को अगर आप आगे नहीं रखते तो कोई फ़ायदा नहीं है।"
"आप अपने लिए खेलोगे अपने रन बनाओगे और जाके बैठ जाओगे मजे मारोगे उससे क्या होने वाला है। अगर टीम के लिए आप नहीं सोचते तो ऐसे लड़के लोग या ऐसे कप्तान या ऐसे जो भी है, हमें ऐसे लोगों की टीम में जरूरत नहीं है। हम लोग टीम क्यों बोलते हैं यार इसको क्योंकि 11 लोग खेल रहे। एक प्लेयर थोड़ी खेल रहा है या दो प्लेयर थोड़ी खेल रहा, ग्यारह लोग खेल रहे हैं तो टीम है।"
आलोचकों को दिया करारा जवाब
"यह दूसरे लोग का कुछ बोल नहीं सकता हूं। ये मेरा अपना सोचना है, मैंने ऐसे ही क्रिकेट खेला है। तो ऐसा कुछ नहीं है कि मैं इधर कुछ और दिखाने की कोशिश कर रहा हूं। जो हूं वह दिख रहा है किसी को पसंद नहीं है तो माफ कीजिए। जो मुझे लगता है वह मैं करता हूं जो मुझे नहीं लगता है वह नहीं करता हूं एकदम साफ, किसी से क्या डरना यार।"
बुमराह के नेतृत्व कौशल की तारीफ की
"उसको गेम का आईडिया बहुत है। जिस तरीके से दूसरों के लिए उदाहरण सेट करता है, वह क्लास है उसका। बंदे में क्लास है। गेम को समझता है। टीम को आगे रखते हैं हमेशा। मैं पिछले 11 सालों से उनको देख रहा हूं। 2013 में देखा था सबसे पहले उनको। उनका जो ग्राफ ऊपर गया है, काफी अपने आप में ऊभरे हैं। बॉलिंग तो जैसी डाल रहे हैं सारी दुनिया देख रही है।"
भविष्य का कप्तान कौन, बताया
"देखिए बहुत से लड़के हैं लेकिन मैं चाहता हूं कि उन लड़कों को पहले क्रिकेट की अहमियत समझनी चाहिए। यहां का इंपॉर्टेंस उनको समझे, अभी लड़के नए काफी हैं। जानता हूं कि जिम्मेदारी देना चाहिए, पर उन्हें अभी और खेलने दीजिए। अभी क्या है जो भी देखो मैं हूं बुमराह है, उसके पहले विराट थे उसके पहले एमएस धोनी थे, सबने इसे हासिल किया है यार किसी को प्लेट में लाकर ऐसे दिया नहीं है। तो ऐसे किसी को मिलना नहीं चाहिए मेहनत करने दो लड़कों में काफी टैलेंट है, यह सब चीज भारत का कप्तान बनना, भारत की कप्तानी करना कोई मामूली बात नहीं है, प्रेशर तो है लेकिन बहुत बड़ा सम्मान है।"
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