क्रिकेटर से नेता बनने और फिर जेल जाने तक, ऐसा रहा है Imran Khan का सफर

साथ ही साथ उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इस सजा के बाद अब उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लग गया है। इस घटनाक्रम के बाद इमरान खान को आज लाहौर पुलिस ने गिरफ्तार (Imran Khan Arrested) कर लिया है। 

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By Puneet Sharma
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पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री (Ex PM) और पूर्व क्रिकेटर (Cricketer) इमरान खान (Imran Khan) को इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने शनिवार, 5 अगस्त को तोशाखाना मामले में करप्शन के लिए दोषी मानते हुए, 3 साल कैद की सजा सुनाई है। साथ ही साथ उन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। 

इस सजा के बाद अब उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर बैन लग गया है। इस घटनाक्रम के बाद इमरान खान को आज लाहौर पुलिस ने गिरफ्तार (Imran Khan Arrested) कर लिया है। 

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क्रिकेटर से नेता और फिर मुजरिम बनने की कहानी 

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क्रिकेटर इमरान खान ने एक बॉलिंग ऑलराउंडर (All Rounder) के रूप में 1971 में अपना करियर शुरू किया था। 80 के दशक में उनकी गिनती कपिल देव, रिचर्ड हेडली और इयान बाथम के साथ दुनिया के टॉप 4 ऑलराउंडरों में की जाती थी। इसके बाद अपनी बेहतरीन कप्तानी के कारण वो सफल कप्तानों में भी गिने जाने लगे। 

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विश्व कप 1987 (WC 1987) में सेमीफाइनल में टीम के हारने के बाद उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी। लेकिन तत्कालीन तानाशाह जरनल जिया उल हक के कहने पर वो अगले ही साल संन्यास छोड़कर टीम में वापस आ गए। इसके बाद अगले विश्व कप 1992 (WC 1992) में उन्होंने टीम को विश्व विजेता बनाकर खुद को पाकिस्तान का सबसे सफल कप्तान साबित किया। 

विश्व कप जीतने के बाद उन्होंने खेल को फिर अलविदा कह दिया। इसके बाद इमरान खान ने अपनी माँ की याद में कैंसर अस्पताल बनवाया। साथ ही उन्होंने एक कॉलेज भी बनवाया। इसके बाद 1996 में इमरान ने एक नई पारी की शुरुआत की। वो नेता बनकर राजनीति में आ गए। इमरान ने अपनी खुद की एक पार्टी बनाई, जिसका नाम उन्होंने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) रखा। 

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इमरान की नई पारी फ्लॉप रही, उनकी पार्टी का चुनाव में खाता भी नहीं खुला और वो खुद भी चुनाव हार गए। लंबे संघर्ष के बाद उनकी मेहनत रंग लाई। जब उनकी दूसरी पारी में 2018 में हुए चुनावों में राजनीतिक घरानों से निराश लोगों ने उनकी पार्टी को जीत दिलाई। लोगों को उम्मीद थी, कि जैसे क्रिकेट के मैदान में उन्होंने चमत्कार किए, वैसा ही कुछ वो यहाँ भी करेंगे। 

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गरीबी से परेशान लोगों को जीवन में तब्दीली आने की उम्मीद थी। मगर ऐसा हो न सका, इमरान इस रोल में कामयाब नहीं रहे। देश के हालात बद से बदतर हो गए। लोगों में असंतोष और आक्रोश बढ़ गया। उन पर करप्शन के आरोप लगे और जिसके फल स्वरूप पिछली साल आखिरकार उन्हें गद्दी छोड़नी पड़ी। इसके बाद लगातार उनकी मुश्किलें बढने लगीं और अब वो एक सजायाफ़्ता मुजरिम बन गए हैं। 

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