आईपीएल से बाहर किए गए फ्रेंचाइज़ी कोच्चि टस्कर्स केरल के पक्ष में बॉम्बे हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को आदेश दिया है कि वह अब बंद हो चुकी इस टीम को 538 करोड़ रुपये का भुगतान करें। कोर्ट ने यह फैसला 2015 में आए मध्यस्थता फैसले के आधार पर सुनाया है, जिसमें टीम को अनुचित रूप से बाहर किए जाने का दोष BCCI पर लगाया गया था।
क्या था पूरा मामला?
कोच्चि टस्कर्स केरल फ्रेंचाइज़ी को साल 2010 में 1,550 करोड़ रुपये की भारी-भरकम कीमत पर खरीदा गया था। यह टीम 2011 के आईपीएल सीज़न में ही शामिल हुई थी, लेकिन बीसीसीआई ने एक सीज़न के बाद ही अनुबंध समाप्त कर दिया। बोर्ड ने फ्रेंचाइज़ी पर आरोप लगाया था कि वह समय पर बैंक गारंटी जमा करने में असफल रही, जो अनुबंध का अहम हिस्सा था।
इसके बाद विवाद कोर्ट और मध्यस्थता की प्रक्रिया में चला गया, जहां 2015 में मध्यस्थता ट्रिब्यूनल ने कोच्चि फ्रेंचाइज़ी के पक्ष में फैसला सुनाया और बीसीसीआई को 550 करोड़ रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया गया। हालांकि बीसीसीआई ने इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी थी, जो अब खारिज हो गई है।
BCCI को लगा झटका, कोर्ट ने क्या कहा?
कोर्ट ने अपने फैसले में साफ तौर पर कहा कि, “अनुच्छेद 34 के तहत कोर्ट की सीमित भूमिका है। BCCI इस मामले में जिस तरह से साक्ष्यों और निष्कर्षों की समीक्षा करना चाहता है, वह कानून की भावना के खिलाफ है।” कोर्ट ने यह भी जोड़ा कि मध्यस्थता निर्णय को केवल कुछ सीमित कानूनी आधारों पर ही चुनौती दी जा सकती है और बीसीसीआई का तर्क इस दायरे में नहीं आता।
कोच्चि टस्कर्स का IPL सफर
कोच्चि टस्कर्स केरल ने आईपीएल 2011 में कुल 14 मुकाबले खेले थे, जिसमें उन्हें 6 जीत मिली थी। टीम 10 टीमों में आठवें स्थान पर रही थी। इस टीम में महेला जयवर्धने, ब्रेंडन मैकुलम, ब्रैड हॉज और रविंद्र जडेजा जैसे बड़े खिलाड़ी शामिल थे।