कल अर्थात 16 अक्टूबर को टी-20 वर्ल्ड कप का शुभारंभ हो गया। कल से विश्व कप का क्वालिफाइंग राउंड शुरू हो गया है। इस बार क्वालिफाइंग राउंड में हिस्सा ले रही टीमों में एक नाम दो बार की चैम्पियन रही वेस्टइंडीज की टीम का भी है।
अतीत में झांके तो पाएंगे कि वेस्टइंडीज का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। आज इस पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन टीम की स्थिति ये है कि उसे वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाइंग राउंड खेलना पड़ रहा है।
कैसा है वेस्टइंडीज क्रिकेट का इतिहास
एक ऐसा दौर भी था जब वेस्टइंडीज क्रिकेट का बेताज बादशाह था। वनडे में वर्ल्ड कप के पहले दोनों खिताब उसी के नाम थे। तीसरी बार भी वो उपविजेता रहा था। 70 के दशक से लेकर 90 के दशक तक टेस्ट क्रिकेट में उसकी तूती बोलती थी। उन्हें हराना किसी भी टीम के लिए आसान नहीं था। उन्हें हराना किसी भी टीम के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि थी।
वेस्टइंडीज के विश्व क्रिकेट को बहुत बड़े-बड़े खिलाड़ी दिए। कैरेबियाई टीम द्वारा दिए गए बड़े नामों की बात करें तो इसमें गैरी सोबर्स, क्लाइव लॉयर्ड, विवियन रिचर्ड्स, रोहन कन्हाई, एल्विन कालीचरण, डेंसमण्ड हेन्स, गोर्डन ग्रीनिज, एवर्टन वीक्स, गोइल गोर्नर, माइकल होल्डिंग, जॉर्ज हेडली, लांस गिब्स, एंडी रॉबर्ट्स, क्लाइव वॉलकॉट, फ्रेंक वॉरेल, मैल्कम मार्शल, ब्रायन लारा, शिवनारायण चंद्रपाल, कर्टली एम्ब्रोस, कोटनी वॉल्श ऐसे ही कुछ बड़े नाम हैं।
क्या है वेस्टइंडीज क्रिकेट के पतन की वजह?
एक समय की निर्विवाद चैम्पियन वेस्टइंडीज के क्रिकेट की हालत इन दिनों बहुत नाजुक है। इसकी वजह उनके पास अच्छे खिलाड़ियों की कमी का होना नहीं बल्कि उनके खिलाड़ियों में टीम के प्रति समर्पण की कमी है। हां पहले की तुलना में उनकी गेंदबाजी जरूर कमजोर हुई है, लेकिन उसके पास धुरंधर बल्लेबाजों और ऑल राउंडरों की आज भी भरमार है, जो किसी भी टीम को हरा सकते हैं। जो कि उन्होंने 2012 और 2016 में करके भी दिखाया था।
जब विंडीज की टीम दो बार टी20 चैम्पियन बनी थी। लेकिन उसका दुर्भाग्य ये है कि उसके बड़े खिलाड़ी अपनी टीम से खेलने के बजाय दुनियाभर की लीगों में खेलना पसंद करते हैं। उनके अंदर अपनी टीम के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा नरारद है। इसके अलावा वेस्टइंडीज बोर्ड और उसके बड़े खिलाड़ियों के बीच की तनातनी भी पतन की एक और वजह है। ये वो कारण हैं कि एक समय की चैम्पियन टीम वेस्टइंडीज की क्रिकेट इस समय रसातल पर है।