'अगर वीरेंद्र सहवाग को मुख्य चयनकर्ता बनाना है, तो पैसा खर्च करना पड़ेगा'; हरभजन ने BCCI को दी नसीहत

टीम इंडिया में चेतन शर्मा के इस्तीफे के बाद से मुख्य चयनकर्ता का पद खाली है। उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के चलते इस्तीफा दे दिया था। बीसीसीआई इस पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश कर रही है। इस बारे में दिग्गज स्पिनर हरभजन ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि इस पद के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता है। जो इस पद पर अच्छे से काम कर सके, क्योंकि पिछले तीनों मुख्य चयनकर्ताओं चेतन शर्मा (23), सुनील जोशी (15), और एमएसके प्रसाद (6) के पास कुल मिलाकर 44 टेस्ट का ही अनुभव था। उन्होंने इसके लिए पूर

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By puneet sharma
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'अगर वीरेंद्र सहवाग को मुख्य चयनकर्ता बनाना है, तो पैसा खर्च करना पड़ेगा'; हरभजन ने BCCI को दी नसीहत

टीम इंडिया में चेतन शर्मा के इस्तीफे के बाद से मुख्य चयनकर्ता का पद खाली है। उन्होंने स्टिंग ऑपरेशन के चलते इस्तीफा दे दिया था। बीसीसीआई इस पद के लिए उपयुक्त व्यक्ति की तलाश कर रही है। इस बारे में दिग्गज स्पिनर हरभजन ने द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि इस पद के लिए किसी अनुभवी व्यक्ति की आवश्यकता है। जो इस पद पर अच्छे से काम कर सके, क्योंकि पिछले तीनों मुख्य चयनकर्ताओं चेतन शर्मा (23), सुनील जोशी (15), और एमएसके प्रसाद (6) के पास कुल मिलाकर 44 टेस्ट का ही अनुभव था। उन्होंने इसके लिए पूर्व अनुभवी खिलाड़ी सहवाग का नाम सुझाया।  

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भज्जी ने मुख्य चयनकर्ता के पद पर खुलकर बोला  

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द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए हरभजन सिंह ने कहा "यदि आप वीरेंद्र सहवाग को मुख्य चयनकर्ता बनने के लिए कहते हैं, तो उस पद के वेतन का विश्लेषण करने की आवश्यकता है। मुझे नहीं पता कि भारत में मुख्य चयनकर्ता कितना कमाते हैं, लेकिन अगर सहवाग कमेंट्री में हैं या क्रिकेट के अन्य व्यवसायों में हैं, तो यह संभावना है कि वह अधिक पैसा कमा रहा है।" 

आगे भज्जी ने कहा "यदि आप मुख्य चयनकर्ता की नौकरी के लिए सहवाग के कद वाले खिलाड़ी को चाहते हैं, तो पैसा खर्च करना महत्वपूर्ण होगा। यदि आप पैसा खर्च नहीं करते हैं, तो आपको उन खिलाड़ियों में से चयनकर्ताओं को चुनना होगा। जिसने केवल एक साल खेला हो और हो सकता है कि वह इतना बड़ा नाम न हो। अगर राहुल द्रविड़ जैसे व्यक्ति को कोच बनाया जाता है, तो मुख्य चयनकर्ता का भी उतना ही कद होना चाहिए। जिसकी आवाज में दम हो, जिसके वजूद में दम हो।"

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फिर पूर्व ऑफ स्पिनर हरभजन ने कहा "कोच का काम टीम के साथ रहना और टीम के चारों ओर योजना बनाना है। लेकिन टीम चयन भी एक समान रूप से महत्वपूर्ण काम है। आपको सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों को चुनना है और यदि आप उन खिलाड़ियों का चयन नहीं करते हैं जिनकी कोच या कप्तान को जरूरत है। तो फिर मुख्य चयनकर्ता के होने का कोई फायदा नहीं है।" 

यह पूछे जाने पर कि क्या पारिश्रमिक में सुधार होने पर वह इस भूमिका निभाने के लिए तैयार होंगे, भारत के तीसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले स्पिनर ने  जवाब दिया "हां, क्यों नहीं"।

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