'किसी को उसकी ट्रॉफियों से आंकना बेवकूफी है', विराट कोहली ने सचिन पर दी लोगों को नसीहत टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने में व्यस्त हैं। विराट का खराब दौर अब बुरे सपने की तरह गुजर चुका है। कई सालों तक खराब फॉर्म से जूझने के बाद अब वो अपनी खराब फॉर्म से बाहर आ चुके हैं। हालांकि उन्होंने टेस्ट में अपने शतक के लंबे समय से चले आ रहे सूखा को अभी खत्म नहीं किया है, लेकिन वो अब टेस्ट में भी विश्वास के साथ बल्लेबाजी करते नजर आ रहे हैं। व्हाइट बॉल में उन्होंने टी20 और वनडे दोनों फॉर्मेट में शतक लग By puneet sharma 25 Feb 2023 | एडिट 25 Feb 2023 12:31 IST in Cricket New Update टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली इस समय ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली जा रही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेलने में व्यस्त हैं। विराट का खराब दौर अब बुरे सपने की तरह गुजर चुका है। कई सालों तक खराब फॉर्म से जूझने के बाद अब वो अपनी खराब फॉर्म से बाहर आ चुके हैं। हालांकि उन्होंने टेस्ट में अपने शतक के लंबे समय से चले आ रहे सूखा को अभी खत्म नहीं किया है, लेकिन वो अब टेस्ट में भी विश्वास के साथ बल्लेबाजी करते नजर आ रहे हैं। व्हाइट बॉल में उन्होंने टी20 और वनडे दोनों फॉर्मेट में शतक लगाकर अपना पुराना फॉर्म पा लिया है। इसका असर उनकी टेस्ट मैचों की पारियों में भी दिखा है। विराट ने आरसीबी के पॉडकास्ट पर बोलते हुए कई विषयों पर बात की। इनमें से एक विषय ये भी था कि हमें ट्रॉफियों से किसी खिलाड़ी को नहीं आंकना चाहिए। विराट ने इस बारे में उदाहरण सहित विस्तार से बताया। ये भी पढ़ें- जब 850 किमी दूर बैठे खिलाड़ी को कर लिया था प्लेइंग 11 में शामिल, पढ़ें भारत-पाकिस्तान मैच से जुड़ा दिलचस्प किस्सा किसी खिलाड़ी को ट्रॉफियों से न आंकें आरसीबी के लिए लंबे समय तक कप्तानी करने वाले विराट कोहली ने इस पॉडकास्ट में बोलते हुए कहा कि "किसी खिलाड़ी के टीम में दिए गए योगदान को आप इस चीज से नहीं आंक सकते कि उसने कितनी ट्रॉफी जीती हैं। ये सरासर बेवकूफी है। उदाहरण के लिए महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने अपने छठे विश्व कप में ट्रॉफी उठाने का अवसर पाया था, जबकि 2011 का वो विश्व कप मेरा पहला ही विश्व कप था।" ये भी पढ़ें- 4 भारतीय गेंदबाज जिन्होंने निचले क्रम पर खेलते हुए जड़ा टेस्ट शतक, एक ने दो बार किया ये कारनामा आगे बोलते हुए कोहली ने कहा कि "इससे सचिन का भारतीय क्रिकेट में योगदान कम नहीं हो जाता। इस कारण कि उन्हें ट्रॉफी उठाने में 6 बार कोशिश करनी पड़ी, आप उनके योगदान को कम करने नहीं आंक सकते। उनका टीम इंडिया के लिए योगदान तब भी अमूल्य रहता, अगर वो टीम को विश्व कप न जिता पाते। इसलिए ट्रॉफी के पीछे भागने के इस पागलपन को हमें छोड़ देना चाहिए।' इसके बाद पूर्व कप्तान विराट ने कहा कि "सचिन ने विश्व कप न जीत पाने की पीड़ा 21 साल तक झेली है। इसी तरह वीरेंद्र सहवाग, हरभजन सिंह, जहीर खान और युवराज सिंह जैसे दिग्गज खिलाड़ियों को भी ट्रॉफी उठाने में सफलता अपने तीसरे प्रयास में मिली। दूसरी ओर मैं अगर अपनी बात करुं, तो 2011 में ट्रॉफी उठाना तो दूर की बात है, मैं तो टीम में चुने जाने की उम्मीद भी नहीं कर रहा था। फिर भी देखिए मैं 2011 के विश्व कप में खेला भी, और ट्रॉफी भी जीती। इसलिए आप इसे खिलाड़ी को आंकने का स्केल नहीं मान सकते।" #Virat Kohli #MS Dhoni #sachin tendulkar #Yuvraj Singh #virender sehwag #team india #Cricket World Cup #zaheer khan #harbhajan singh हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article