क्रिकेट फिर हुआ शर्मिंदा, पश्चिमी देशों की भेदभाव वाली मानसिकता फिर हुई उजागर

ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही सीरीज के पहले मैच में यूँ तो इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस मैच को जीत लिया। लेकिन वास्तविकता तो ये है कि इंग्लैंड ने मैथ्यू वेड के साथ मिलकर क्रिकेट को और खेल भावना को हरा दिया। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आइए जानते हैं, इसकी वजह।

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By puneet sharma
क्रिकेट फिर हुआ शर्मिंदा, पश्चिमी देशों की भेदभाव वाली मानसिकता फिर हुई उजागर
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ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही सीरीज के पहले मैच में यूँ तो इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर इस मैच को जीत लिया। लेकिन वास्तविकता तो ये है कि इंग्लैंड ने मैथ्यू वेड के साथ मिलकर क्रिकेट को और खेल भावना को हरा दिया। ऐसा हम क्यों कह रहे हैं आइए जानते हैं, इसकी वजह।

वेड की शर्मनाक हरकत और इंग्लैंड का मूक समर्थन

 

दरअसल हुआ यूँ कि ऑस्ट्रेलियाई पारी का 17वां ओवर चल रहा था, इस ओवर की तीसरी गेंद पर स्ट्राइक ले रहे बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने बड़ा शॉट मारने का प्रयास किया लेकिन शार्ट सही ढ़ंग से टाइम नहीं हुई और हवा में चली गई। गेंदबाज मार्क वुड के पास गेंद को कैच करने का शानदार मौका था, उन्होंने कैच लेने का प्रयास भी किया और वो कैच कम्पलीट करने ही वाले थे कि खुद को आउट होता देख मैथ्यू वेड ने एक शर्मनाक हरकत को अंजाम दे दिया। 

उन्होंने खेला भावना के खिलाफ जाते हुए जान-बूझकर मार्क वुड को धक्का दे दिया, जिससे वो कैच न कर सकें। हुआ भी यही मार्क वुड कैच नहीं लपक सके। क्रिकेट के नियम कहते हैं कि किसी खिलाड़ी को ऐसा करने का अधिकार नहीं है, और यदि कोई खिलाड़ी ऐसा करता है तो उसे फील्डिंग टीम की अपील पर 'ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड' आउट करार दिया जाता है। लेकिन इस मामले में इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने 'ऑब्सट्रक्टिंग द फील्ड' की अपील ही नहीं की, इसलिए एम्पायर ने उन्हें आउट नहीं दिया। 

इसका नतीजा ये हुआ कि इस कारण खेल को बदनाम करने वाले और खेल भावना को चोट पहुंचाने वाले मैथ्यू वेड बच गए। इस घटना का परिणाम ये हुआ कि एक बेईमान खिलाड़ी को बचाकर उन्होंने सारी दुनिया को एक गलत संदेश दिया। मैथ्यू वेड ने जो किया वो तो अपराध था ही, लेकिन इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने भी उन्हें बचाकर कोई अच्छा काम नहीं किया। अगर वो वेड को उनकी गलती की सजा दिलाते, तो बाकी दुनिया को भी सबक मिलता और वो इस तरह की हरकत करने से बचते। लेकिन जाने-अंजाने में बटलर ने इस तरह की हरकत करने वालों को बढ़ावा दिया है। 

क्यों पकड़ा इस मामले ने तूल 

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इस मामले पर विवाद बढ़ने की वजह इंग्लैंड के खिलाड़ियों और विशेषज्ञों के पिछले कुछ बयान हैं, जो उन्होंने भारतीय खिलाड़ी दीप्ति शर्मा के खिलाफ दिए थे। दरअसल हुआ यूँ था कि हाल ही में खेली गई भारत-इंग्लैंड वन डे सीरीज के तीसरे वन डे में क्रीज छोड़ कर बार-बार बाहर निकल रही इंग्लैंड की बल्लेबाज सी डीन को भारतीय खिलाड़ी दीप्ति शर्मा ने रन आउट कर दिया। 

इसके बाद इंग्लैंड के खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने नियमों के अंतर्गत किए गए दीप्ति के इस रन आउट को खेल भावना के खिलाफ बताकर, उनकी आलोचना शुरू कर दी थी। ऐसा करने वाले लोगों को अब मैथ्यू वेड की नियमों के खिलाफ जाकर की गई इस हरकत पर कोई एतराज नहीं है। मैच के बाद जब बटलर से इस बारे में पूछा गया तो वो अजीबोगरीब ढंग से प्रतिक्रिया देते नजर आए। एक तरफ तो वो कहने लगे कि उन्होंने देखा ही नहीं कि मैदान पर क्या हुआ। और फिर कहने लगे कि उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों के डर की वजह से अपील नहीं की, क्योंकि हमें अभी लंबे टाइम तक यहाँ रुकना है। 

कारण जो भी हो लेकिन इससे अंग्रेजों की भेदभाव वाली मानसिकता फिर उजागर हो गई। इस घटना ने पश्चिमी देशों की एशियाई खिलाड़ियों के साथ भेदभाव वाली उनकी घटिया सोच फिर उजागर कर दी। क्योंकि उन्हें मैदान से बाहर होने पर भी ये तो दिख जाता है कि दीप्ति ने गलत किया है, लेकिन मैदान में मौजूद होने पर भी ये नहीं दिखता कि वेड ने गलत किया है। बचाव के लिए कोई कुछ भी कहे, कोई भी बहाना दे, लेकिन सच्चाई तो यही है कि इस घटना ने क्रिकेट को शर्मिंदा किया है। 

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