7 साल बाद अलग हुए साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप! बैडमिंटन स्टार ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

Saina Nehwal Divorce: भारत की मशहूर बैडमिंटन खिलाड़ी और ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडल विजेता सायना नेहवाल और उनके पति पारुपल्ली कश्यप (Parupalli Kashyap) ने एक-दूसरे से अलग होने का फैसला लिया है।

iconPublished: 14 Jul 2025, 09:06 AM
iconUpdated: 14 Jul 2025, 01:34 PM

Saina Nehwal announces separation from Parupalli Kashyap: भारतीय बैडमिंटन से एक हैरान करने वाली खबर आई है। यह खबर ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुकीं साइना नेहवाल से जुड़ी हुई है. उन्होंने अपने पति पारुपल्ली कश्यप से अलग होने का फैसला लिया है। उन्होंने रविवार, 13 जुलाई को यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी।

आपको बता दें कि साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप की शादी को लगभग सात साल हो गए थे। दोनों कभी बैडमिंटन कोर्ट पर साथ नजर आते थे, लेकिन अब उनके रिश्ते का अंत हो गया है। इस खबर ने खेल जगत के सभी लोगों को चौंका दिया है।

साइना नेहवाल ने यह फैसला क्यों लिया?

रविवार, 13 जुलाई रात साइना नेहवाल ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक ऐसी पोस्ट शेयर की जिसने उनके फैंस और खेल जगत को चौंका दिया। उन्होंने लिखा कि अब वह और उनके पति पारुपल्ली कश्यप एक-दूसरे से अलग हो रहे हैं।

Saina Nehwal and Parupalli Kashyap Divorce separated after 7 years of marriage

सायना नेहवाल ने लिखा, "जीवन कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाता है। बहुत सोचने-समझने के बाद, पारुपल्ली कश्यप और मैंने अलग होने का फैसला किया है। हम अपनी और एक-दूसरे की शांति, आत्म-विकास और मानसिक संतुलन को प्राथमिकता दे रहे हैं। इन वर्षों की खूबसूरत यादों के लिए मैं आभारी हूं और आगे के जीवन के लिए शुभकामनाएं देती हूं। हमारी निजता का सम्मान करें, यही निवेदन है।"

साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप ने दिसंबर 2018 में शादी की थी। दोनों की मुलाकात हैदराबाद के पुलेला गोपीचंद अकादमी में हुई थी और उन्होंने अपने बैडमिंटन करियर की शुरुआत की थी, जहां उन्होंने एक साथ ट्रेनिंग लिया था।

भारतीय बैडमिंटन के दो दिग्गजों का शानदार करियर

  • सायना नेहवाल भारतीय महिला बैडमिंटन का सबसे बड़ा नाम रही हैं। 2008 में उन्होंने बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीती और उसी साल ओलंपिक में क्वार्टरफाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। 2012 लंदन ओलंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता। उन्हें अर्जुन पुरस्कार (2009) और राजीव गांधी खेल रत्न (2010) से सम्मानित किया गया और वह आज तक भारत की एकमात्र महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने बैडमिंटन में वर्ल्ड नंबर 1 रैंकिंग हासिल की।
  • पारुपल्ली कश्यप ने भी भारतीय बैडमिंटन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। 2012 ओलंपिक में वह क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे और 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतकर 32 वर्षों बाद यह उपलब्धि हासिल करने वाले पहले भारतीय पुरुष बने। 2013 में उनकी वर्ल्ड रैंकिंग नंबर 6 रही थी। 2024 में उन्होंने प्रोफेशनल बैडमिंटन से संन्यास लेकर कोचिंग में कदम रखा।

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