सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा झटका, 1 हफ्ते में सरेंडर करने का आदेश... जानें पूरा मामला

Sushil Kumar: ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है।

iconPublished: 13 Aug 2025, 12:55 PM
iconUpdated: 13 Aug 2025, 11:34 PM

Supreme Court on Sushil Kumar Murder Case: ओलंपिक पदक विजेता और देश के मशहूर पहलवान सुशील कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने 2021 के बहुचर्चित सागर धनखड़ हत्याकांड में उनकी जमानत रद्द कर दी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने इसी साल मार्च में उन्हें जमानत दी थी, जिसे अब देश की सर्वोच्च अदालत ने खारिज कर दिया है।

आपको बता दें कि सुशील कुमार (Sushil Kumar) ने लंदन ओलंपिक 2012 में सिल्वर मेडल और बीजिंग ओलंपिक 2008 में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने कॉमनवेल्थ गेम में तीन गोल्ड मेडल भी जीते हैं। वह कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में पांच गोल्ड मेडल जीतने में सफल रहे हैं। इसके अलावा, सुशील कुमार के खाते में और भी कई मेडल हैं।

क्या है पूरा मामला?

4 मई 2021 को दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम की पार्किंग में हुई मारपीट ने खेल जगत को हिलाकर रख दिया। पुलिस के मुताबिक, सुशील कुमार और उसके साथियों ने 23 साल के जूनियर पहलवान सागर धनखड़ की बेरहमी से पिटाई की। इस हमले में सागर के सिर में गंभीर चोट आई, जिससे उसकी मौत हो गई।

जांच में पता चला कि विवाद की जड़ एक फ्लैट था। मॉडल टाउन इलाके में स्थित यह फ्लैट सुशील कुमार (Sushil Kumar) का था, जिसमें सागर पहले किराए पर रहता था। किराया देने और मकान खाली करने को लेकर विवाद बढ़ गया। पुलिस का आरोप है कि सागर द्वारा कथित तौर पर गाली-गलौज करने के बाद झगड़े ने हिंसक रूप ले लिया और लड़ाई में मौत हो गई।

मुख्य आरोपी के तौर पर Sushil Kumar का नाम

दिल्ली पुलिस ने 170 पन्नों की चार्जशीट में सुशील कुमार को मुख्य आरोपी बनाया है। पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद वह दो हफ्ते से ज्यादा समय तक फरार रहे। आखिरकार उन्हें पश्चिमी दिल्ली के मुंडका इलाके से गिरफ्तार किया गया। उसके बाद से वह 2 जून, 2021 से न्यायिक हिरासत में है।

सुशील कुमार को अब तक कई बार अंतरिम जमानत मिल चुकी है। मार्च 2023 में रोहिणी कोर्ट ने उन्हें अपने पिता के अंतिम संस्कार के लिए 4 दिन की जमानत दी थी। इसी तरह, जुलाई 2023 में उन्हें अपने घुटने के ऑपरेशन के लिए 7 दिन की जमानत मिली थी। दोनों ही बार वह समय पर तिहाड़ जेल वापस आ गए।

अब क्या होगा?

सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद, सुशील कुमार को तय समय सीमा के भीतर आत्मसमर्पण करना होगा। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। इस फैसले को न केवल सुशील, बल्कि पूरे खेल जगत के लिए एक बड़ी कानूनी नजीर माना जा रहा है।

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