Asia-Pacific Motorsport Championship 2025: भारत के युवा रेसर्स ने एशिया-पैसिफिक मोटरस्पोर्ट चैंपियनशिप 2025 के समापन पर प्रभावशाली प्रदर्शन करते हुए दो रजत पदक जीते। आरव दीवान (Aarav Dewan) और तारुषि विक्रम (Tarushi Vikram) ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीते।
कार रेसिंग में 15 साल के भारतीय ने लहराया तिरंगा, एशिया-पैसिफिक मोटरस्पोर्ट्स चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल

Aarav Dewan and Tarushi Vikram Secured Silver Medal: भारत के युवाओं ने एक बार फिर इंटरनेशनल लेवल पर अपनी रफ्तार का जलवा दिखाया है। गुरुग्राम के 15 वर्षीय आरव दीवान और चिकमंगलूर की प्रतिभाशाली ड्राइवर तारुषी विक्रम ने एआईएफ एशिया-पैसिफिक मोटरस्पोर्ट चैंपियनशिप 2025 में देश के लिए सिल्वर मेडल हासिल किए।
रविवार, 28 सिंतबर को खत्म हुई इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप में भारत को जहां दो बड़ी कामयाबियां मिलीं, वहीं कुछ निराशाजनक नतीजे भी सामने आए।
Aarav Dewan का दमदार प्रदर्शन
सीनियर वर्ग की कार्टिंग स्प्रिंट रेस में आरव दीवान ने शानदार ड्राइविंग करते हुए दूसरा पोजीशन हासिल किया। हालांकि वे पहले नंबर पर रहे हांगकांग के यु का पो की रफ्तार से मेल नहीं खा पाए, लेकिन उन्होंने पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी पोजीशन को अंत तक बचाए रखा। बेंगलुरु के बी कुमार गौड़ा इस रेस में सातवें नंबर पर रहे।

मेडल जीतने के बाद आरव दीवान ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “यह रेस मेरे लिए खास थी। भले ही मैं गोल्ड नहीं जीत सका, लेकिन भारत के लिए पहला अंतरराष्ट्रीय मेडल लाना गर्व की बात है।”
तारुषी विक्रम का डबल सिल्वर
भारत की उभरती हुई स्टार ड्राइवर तारुषी विक्रम ने भी शानदार प्रदर्शन जारी रखा। उन्होंने एशिया-पैसिफिक मोटरस्पोर्ट चैंपियनशिप के अपने कैटेगरी में दूसरा नंबर हासिल किया। खास बात ये रही कि यह उनका वीकेंड का दूसरा सिल्वर मेडल था। इससे पहले उन्होंने एशियाई ऑटो जिमखाना चैंपियनशिप (AAGC) में भी रजत पदक जीता था। हालांकि, पिछली बार AAGC में गोल्ड जीतने वाले दिल्ली के अचिंत्य मेहरोत्रा इस बार अधिक पेनल्टी लेने के कारण बाहर हो गए।

निराशा और नई उम्मीदें
भारतीय टीम के लिए कुछ झटके भी लगे। जूनियर कैटेगरी में कियान शाह जब दूसरे पोजीशन पर थे, तभी उनकी गाड़ी का इंजन फेल हो गया और उन्हें रेस से हटना पड़ा। वहीं, कैडेट कैटेगरी में रेहान खान रशीद भी शुरुआत में लीड में थे, लेकिन एक क्रैश के चलते बाहर हो गए।
फिर भी, आठ साल की अर्शी गुप्ता ने सभी का ध्यान खींचा। उन्होंने कैडेट फाइनल में केवल पांच-सौवां सेकंड के अंतर से चौथा पोजीशन हासिल किया। इस उम्र में उनका यह प्रदर्शन भविष्य के लिए बड़ी उम्मीद जगाता है।
दो घंटे की एंड्योरेंस रेस में भारतीय टीमें पांचवें और आठवें स्थान पर रहीं। हालांकि कार्टिंग स्लैलम और ऑटोकरॉस जैसे इवेंट्स में भारतीय खिलाड़ियों को मेडल नहीं मिल सका, लेकिन युवाओं का प्रदर्शन आने वाले समय के लिए आशा की नई किरण लेकर आया है।
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