Bronco Test: भारतीय क्रिकेट टीम ने अब यो-यो टेस्ट और 2KM टाइम ट्रायल के साथ ब्रोंको टेस्ट भी फिटनेस प्रोटोकॉल में शामिल कर लिया है।
क्या है 'ब्रोंको टेस्ट'? भारतीय खिलाड़ियों करना होगा पास, कम होगी 'बेईमानी'; आसान भाषा में समझें

What is Bronco Test: टीम इंडिया अभी एशिया कप 2025 की तैयारियां कर रही है। इसी बीच भारतीय क्रिकेट टीम ने अपनी फिटनेस परखने के लिए नया पैमाना जोड़ दिया है। अब खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट और 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल के साथ-साथ ब्रोंको टेस्ट भी पास करना होगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेड कोच गौतम गंभीर और स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच एड्रियन ले रूक्स ने यह नया टेस्ट फिटनेस लेवल को और ऊंचा करने के लिए शामिल किया है। आइए जानते है क्या है ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test) और कितना स्कोर करना खिलाड़ियों के लिए जरूरी है।
क्या है Bronco Test?
ब्रोंको टेस्ट (Bronco Test) की शुरुआत रग्बी खिलाड़ियों के लिए हुई थी और इसका मुख्य उद्देश्य खिलाड़ी की एरोबिक एंड्योरेंस यानी सहनशक्ति और कार्डियोवस्कुलर लिमिट्स को परखना है। इस टेस्ट में खिलाड़ी को 20, 40 और 60 मीटर की शटल रन लगानी होती है। एक सेट में ये तीनों रन शामिल होते हैं और खिलाड़ी को लगातार पांच सेट छह मिनट के भीतर पूरे करने होते हैं। यानी कुल 1200 मीटर बिना रुके दौड़ना, जो फिटनेस, स्टैमिना और स्पीड की सख्त परीक्षा है।
क्यों है यह टेस्ट फायदेमंद?
टीम इंडिया के पूर्व स्ट्रेंथ और कंडीशनिंग कोच रामजी श्रीनिवासन ने इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने IANS से कहा "यह एक ऐसा टेस्ट है जो कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। यह सभी स्किल सेट्स पर लागू होता है, जो इसे बेहतरीन बनाता है। दुनिया भर में यह अपनाया जा चुका है और इसकी रीडिंग्स काफी सटीक होती हैं। इससे थकान का स्तर भी मापा जा सकता है।"
कितनी होनी चाहिए आदर्श टाइमिंग?
स्रीनिवासन के मुताबिक, इस टेस्ट का बेस लेवल टाइमिंग 5:15 से 5:30 मिनट होना चाहिए। अगर कोई खिलाड़ी इसे पांच मिनट से कम में पूरा कर ले तो वह एलिट एथलीट कहलाने का हकदार है। उन्होंने यह भी बताया कि यो-यो टेस्ट की तुलना में ब्रोंको टेस्ट में धोखा देना या शॉर्टकट लेना नामुमकिन है।
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