Marufa Akter: पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश ने 7 विकेट से मैच अपने नाम किया और मारुफा अख्तर को 'प्लेयर ऑफ द मैच' घोषित किया गया। मारुफा अख्तर का क्रिकेट का सफर इतना आसान नहीं रहा।
'पहनने के लिए अच्छे कपड़े नहीं...' बांग्लादेशी क्रिकेटर ने सुनाई दर्दभरी दास्तां, VIDEO देख छलक पड़ेंगे आंसू

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Women's World Cup 2025: बांग्लादेश की 20 साल की तेज गेंदबाज मारुफा अख्तर के लिए विमेंस वर्ल्ड कप 2025 किसी जादू से कम नहीं है। हाल ही में मारुफा अख्तर (Marufa Akter) का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
विमेंस वर्ल्ड कप 2025 में बांग्लादेश की तेज गेंदबाज मारुफा अख्तर ने पाकिस्तान के खिलाफ मुकाबले में शानदार गेंदबाजी करते हुए सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। पहला वर्ल्ड कप खेल रही इस तेज गेंदबाज ने पाकिस्तान के खिलाफ पूरी टीम को धाराशाई करने में अहम योगदान दिया।
Marufa Akter का इमोशनल वीडियो
पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश ने 7 विकेट से मैच अपने नाम किया और मारुफा अख्तर को 'प्लेयर ऑफ द मैच' घोषित किया गया। मारुफा अख्तर का क्रिकेट का सफर इतना आसान नहीं रहा। मारुफा ने अपनी जिंदगी में वो दिन भई देखा है जब उनके परिवार के पास किसी फंक्शन में पहनने को अच्छे कपड़े नहीं होते थे।

हम ईद पर कपड़े नहीं खरीद पाते थे: Marufa Akter
बांग्लादेश महिला टीम की तेज गेंदबाज मारुफा अख्तर की गेंद को स्विंग कराने की अद्भुत क्षमता ने उन्हें तुरंत स्टार बना दिया। मारुफा अख्तर ने अपने जीवन में काफी आर्थिक तंगी का सामना किया है। वायरल हो रहे वीडियो में मारुफा अख्तर कहती है कि,
"पहले लोग हम लोगों (मारुफा अख्तर के परिवार) को दूसरे लोग किसी भी फंक्शन में ये कहकर नहीं बुलाते थे कि हमारे पास पहनने लायक कपड़े नहीं है। एक समय ऐसा भी था जब हम ईद के लिए नए कपड़े भी नहीं खरीद पाते थे।" इतना कहकर मारुफा काफी इमोशनल हो गई और कैमरे के सामने उनके आंसू छलक आए।
Every player has a story!
— Rehan Mazhar (@rehanch04) October 14, 2025
Cricket, like life, doesn’t just make champions. It makes believers — those who never stopped chasing, even when the pitch of life turned rough.
Good Luck to Marufa Akter! Hope the game will take of her.pic.twitter.com/OVv7yYH9G8
Marufa Akter के पिता किसान
मारुफा ने आगे कहा, “मेरे पिता एक किसान हैं। हमारे पास ज्यादा पैसे नहीं थे, और जिस गांव में मैं पली-बढ़ी वहां के लोग भी बहुत मदद नहीं करते थे। अब मैं जिस स्थिति में हूं लोग अभी भी उस स्थिति में नहीं है। जिस तरह से मैं अपने परिवार की देखभाल करती हूं अभी भी कई लड़के अपने परिवार के लिए नहीं कर पाते हैं। बचपन में, मैं सोचता थी कि कब लोग हमारी तारीफ करेंगे और मेरे लिए तालियां बजाएंगे। अब, जब मैं खुद को टीवी पर देखता हूं, तो मुझे शर्म आती है (हँसते हुए)।"
क्रिकेट हर इंसान के लिए एक सा नहीं होता। कई खिलाड़ी बहुत ज्यादा संघर्ष के साथ उस मुकाम पर पहुंच पाते हैं जहां पहुंचने के लिए कुछ खिलाड़ियों को महनत तक नहीं करनी पड़ती। आज हमारे पास इस बात का जीता जागता उदाहरण मारुफा अख्तर है। जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के दम पर महिला क्रिकेट में आज अपनी पहचान बनाई है।
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