न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में श्रेयस अय्यर की वापसी की संभावना कम हो गई है। सिडनी वनडे में लगी गंभीर चोट के बाद उनकी फिटनेस को लेकर अपडेट आया है।
Shreyas Iyer न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में होंगे टीम इंडिया का हिस्सा? मैदान वापसी पर आया बड़ा अपडेट
Shreyas Iyer Injury Update: टीम इंडिया के भरोसेमंद मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर की वापसी को लेकर क्रिकेट फैंस लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं। सिडनी वनडे के दौरान लगी गंभीर चोट ने न सिर्फ उनके करियर की रफ्तार धीमी की, बल्कि उन्हें लंबे समय के लिए मैदान से दूर कर दिया। अब उनकी फिटनेस को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है, जिसने उनके रिहैब और संभावित वापसी पर रोशनी डाली है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे वनडे में लगी पसलियों और तिल्ली की चोट ने मामला बेहद गंभीर बना दिया था। भारत लौटने के बाद भले ही उनकी सेहत में सुधार हुआ हो, लेकिन अभी भी वह क्रिकेट गतिविधियों से दूर ही हैं।क्रिकेट सूत्रों के मुताबिक दिसंबर मध्य में होने वाली महत्वपूर्ण अल्ट्रासाउंड जांच अय्यर की वापसी का असली रोडमैप तय करेगी।
दिसंबर मध्य की स्कैन रिपोर्ट में होगी वापसी की टाइमलाइन तय
दिसंबर के मध्य में होने वाली अल्ट्रासाउंड जांच अय्यर (Shreyas Iyer) की तिल्ली के आसपास के टिशू की अंदरूनी चोट में कितना सुधार हुआ है, यह स्पष्ट करेगी। यही रिपोर्ट यह भी बताएगी कि वह हल्के व्यायाम से फुल क्रिकेट ट्रेनिंग की ओर कब बढ़ सकते हैं। विशेषज्ञ इसी रिपोर्ट के आधार पर उनका नया रिहैब प्लान तैयार करेंगे।

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में ट्रेनिंग का रास्ता मेडिकल क्लीयरेंस से ही खुलेगा
बीसीसीआई की मेडिकल टीम ने साफ कर दिया है कि अय्यर (Shreyas Iyer) को तब तक बेंगलुरु स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में अभ्यास शुरू करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, जब तक उनकी तिल्ली पूरी तरह से सुरक्षित नहीं मानी जाती। यह चोट बेहद संवेदनशील है, और किसी भी तरह की जल्दबाज़ी उन्हें लंबे समय के लिए फिर मैदान से दूर कर सकती है।
Shreyas Iyer की न्यूजीलैंड वनडे सीरीज में चयन मुश्किल
वर्तमान स्थिति को देखते हुए न्यूज़ीलैंड के खिलाफ आगामी वनडे सीरीज में उनके (Shreyas Iyer) चयन की संभावना काफी कम दिखाई देती है। बोर्ड और मेडिकल स्टाफ का पूरा फोकस उनकी लंबी अवधि की फिटनेस पर है, न कि जल्दबाज़ी में उन्हें मैदान पर उतारने पर। टीम मैनेजमेंट भी मानता है कि अय्यर पूरी तरह फिट होकर ही मिडिल ऑर्डर में मजबूती ला सकते हैं।