Suryakumar Yadav: टी20 कप्तानी को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सूर्यकुमार यादव ने कहा कि उन्होंने डरना काफी पहले छोड़ दिया है। उनका बयान अभी जमकर वायरल हो रहा है।
‘मैंने डरना काफी पहले छोड़ दिया…’ टी20 कप्तानी छिनने की बात पर सूर्यकुमार यादव ने तोड़ी चुप्पी
Suryakumar Yadav on losing T20I captaincy: टीम इंडिया के स्टार बैटर और मौजूदा टी20 कप्तान सूर्यकुमार यादव ने पहली बार अपनी कप्तानी को लेकर चल रही चर्चाओं पर खुलकर बात की है। रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद शुबमन गिल को टेस्ट और वनडे फॉर्मेट का नेतृत्व सौंपा गया है। इतना ही नहीं, टी20 एशिया कप 2025 से पहले गिल को टी20 टीम का उपकप्तान भी बना दिया गया था।
हालांकि सूर्या का मानना है कि वह इस तरह के दबाव या डर से काफी पहले निकल चुके हैं। उनका कहना है कि वह सिर्फ उन चीज़ों पर ध्यान देते हैं जो उनके नियंत्रण में हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने बताया कि शुबमन गिल के साथ उनकी शानदार बॉन्डिंग उन्हें और बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करती है।
Suryakumar Yadav ने तोड़ी चुप्पी
सूर्यकुमार यादव ने साफ कहा कि उन्हें अब किसी चीज़ का डर नहीं है और वह मेहनत और प्रोसेस पर भरोसा रखते हैं। उन्होंने कहा, “ये सब मोटिवेट करता है कि और बेहतर करो। हमारे बीच ऑन-ऑफ द फील्ड बोहोत अच्छी कैमिस्ट्री है। मैं जानता हूं वह कैसा खिलाड़ी और इंसान है। इससे मुझे खुद अच्छा करने में मदद मिलती है। डरना मैंने काफी पहले छोड़ दिया। अगर मैं मेहनत कर रहा हूं और सही चीज़ें फॉलो कर रहा हूं तो सब ठीक होगा। मैं उसके लिए खुश हूं, उसने बहुत अच्छा किया है।”

Suryakumar Yadav की कप्तानी शैली क्या है?
35 वर्षीय मुंबई बैटर ने अपनी कप्तानी फिलॉसफी भी बताई। उन्होंने खुद को “बॉलर का कप्तान” बताया।
सूर्या ने कहा, “मैं मैदान पर बहुत रिलैक्स रहता हूं, चाहे दबाव कितना भी हो। फील्डिंग के दौरान भी मुस्कुराता रहता हूं। मैं गेंदबाज़ों को अपनी बात कहने देता हूं। बॉलर के दिमाग में बहुत कुछ चलता है, इसलिए उनकी बात सुनना जरूरी है। टीम तभी बनती है जब हर किसी की बात सुनी जाए।”

Suryakumar Yadav का टी20I रिकॉर्ड
सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) अब तक भारत की ओर से 34 टी20 इंटरनेशनल में कप्तानी कर चुके हैं। इनमें से 27 मैचों में टीम इंडिया को जीत मिली है, जबकि सिर्फ 5 में हार का सामना करना पड़ा। दो मुकाबले बिना नतीजे के खत्म हुए। उनकी जीत प्रतिशत 81.25% है, जो रोहित शर्मा से भी अधिक है — यह आंकड़ा खुद सूर्या की नेतृत्व क्षमता को साबित करता है।