सुनील गावस्कर ने टीम इंडिया के नए फिटनेस टेस्ट का किया विरोध, 'ब्रोंको' पर उठाए सवाल

Sunil Gavaskar: हाल ही में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने खिलाड़ियों के लिए एक नया फिटनेस टेस्ट, ‘ब्रोंको टेस्ट’, शुरू किया है। लेकिन इस पर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने अपनी आपत्ति जताई है।

iconPublished: 10 Sep 2025, 04:00 PM
iconUpdated: 10 Sep 2025, 04:01 PM

Sunil Gavaskar Opposed Bronco Test: एशिया कप 2025 की तैयारी में टीम इंडिया इन दिनों दुबई में पसीना बहा रही है। और आज, यानी 10 सितंबर से टीम इंडिया यूएई के खिलाफ इस टूर्नामेंट में अपने अभियान की शुरुआत करने जा रही है। इससे पहले, इस बार खिलाड़ियों के लिए एक नया फिटनेस टेस्ट 'ब्रोंको टेस्ट' लागू करने की बात चल रही थी, जिसने क्रिकेट जगत में खूब चर्चा बटोरी थी।

अब इस मामले में पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) इस टेस्ट से खुश नहीं हैं। उन्होंने इसे खिलाड़ियों के चयन का आधार बनाने का कड़ा विरोध किया है।

Sunil Gavaskar का विरोध

सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने स्पोर्टस्टार कॉलम में लिखा कि हर खिलाड़ी की फिटनेस अलग होती है और सब पर एक ही पैमाना लागू करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि विकेटकीपर पूरे दिन मैदान पर दौड़ते रहते हैं, जबकि तेज गेंदबाजों और स्पिनरों की जिम्मेदारी और दबाव अलग होता है। ऐसे में सभी के लिए एक जैसा टेस्ट लागू करना व्यावहारिक नहीं है।

Sunil Gavaskar opposed Bronco Test for Team India ahead Asia Cup 2025 IND vs UAE

सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने साफ शब्दों में कहा, “ब्रोंको टेस्ट खिलाड़ियों को यह समझाने के लिए तो ठीक है कि उन्हें अपने शरीर के किस हिस्से पर काम करना है। लेकिन अगर राष्ट्रीय टीम में चयन का फैसला इन्हीं टेस्ट के आधार पर होगा, तो यह बिल्कुल गलत है। हर इंसान का शरीर अलग होता है, इसलिए ‘वन-साइज-फिट्स-ऑल’ तरीका यहां लागू नहीं हो सकता।”

मानसिक ताकत है असली टेस्ट

सुनील गावस्कर का मानना है कि खिलाड़ी के चयन का सबसे बड़ा पैमाना उसकी मानसिक मजबूती है, जिसे किसी भी मीटर या स्टॉपवॉच से मापा नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “अपने देश के लिए खेलने का सबसे अहम टेस्ट दिमाग के बीच में होता है, जिसे कोई टेस्ट नाप नहीं सकता।”

क्या है ब्रोंको टेस्ट?

ब्रोंको टेस्ट में खिलाड़ी को पहले 20 मीटर, फिर 40 मीटर और फिर 60 मीटर की दौड़ लगानी होती है। इसे एक सेट माना जाता है। खिलाड़ी को ऐसे पांच सेट पूरे करने होते हैं, यानी कुल 1200 मीटर, वो भी बिना रुके। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खिलाड़ियों को यह टेस्ट 6 मिनट में पूरा करना होता है। इसके अलावा 2 किलोमीटर टाइम ट्रायल भी होता है, जिसमें तेज गेंदबाजों को 8 मिनट 15 सेकंड और बल्लेबाजों, विकेटकीपरों व स्पिनरों को 8 मिनट 30 सेकंड में खत्म करना होता है।

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