‘पापा मुझे सुबह 3 बजे उठा…’ शुभमन गिल ने सुनाई अपने संघर्ष और पिता के त्याग की कहानी, बताया अपनी सफलता का राज

Shubman Gill: टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक ​​पहुंचने का सफर आसान नहीं था। अब गिल ने अपने बचपन के संघर्ष भरे दौर को साझा किया है।

iconPublished: 12 Sep 2025, 08:15 AM
iconUpdated: 12 Sep 2025, 08:18 AM

Shubman Gill Struggle Story: टीम इंडिया के युवा कप्तान शुभमन गिल आज जिस मुकाम पर हैं, वहां तक पहुंचने का सफर आसान नहीं रहा है। उनके करियर की नींव उनके पिता के त्याग और कड़ी मेहनत पर टिकी है। गिल ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में अपने स्ट्रगल के दिनों को याद करते हुए अपने पिता की भूमिका के बारे में भावुक बातें शेयर कीं।

आपको बता दें कि रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने शुभमन गिल (Shubman Gill) को कप्तान बनाया था। उनकी कप्तानी में टीम इंडिया ने सबसे पहले इंग्लैंड का दौरा किया था। जहां पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेली गई थी। ये टेस्ट सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही थी। अब शुभमन गिल को बीसीसीआई ने टी20 का उप-कप्तान बनाया है। फिलहाल, टीम इंडिया एशिया कप 2025 में जोरदार प्रदर्शन कर रही है।

गांव से शुरू हुआ क्रिकेट का सफर

शुभमन गिल (Shubman Gill) ने एप्पल म्यूजिक पॉडकास्ट में बताया कि उन्होंने महज तीन साल की उम्र में पहली बार क्रिकेट का बल्ला उठाया था। पंजाब के अपने गांव में, वो अक्सर रात में अपने पिता के साथ टीवी पर मैच देखते और खिलाड़ियों की नकल करते। गिल के पिता को जल्द ही एहसास हो गया कि उनके बेटे में कुछ खास है। इसके बाद, खेत ही शुभमन का पहला प्रैक्टिस फील्ड बन गया। पिता ने मैदान में काम करने वाले मजदूरों से गेंदबाजी करवाई। इतना ही नहीं, अगर कोई शुभमन को आउट कर देता, तो उसे इनाम देने का भी वादा किया गया था।

Shubman Gill shared Struggle Story ahead of Asia cup 2025 IND vs PAK

Shubman Gill ने सुबह 3 बजे की प्रैक्टिस

पॉडकास्ट में ये भी बताया गया कि शुभमन गिल (Shubman Gill) जब सात साल के थे, तब उनके पिता ने एक बड़ा फैसला लिया। परिवार गांव से चंडीगढ़ शिफ्ट हो गया ताकि बेटे को बेहतर सुविधाएं और मौके मिल सकें। हालांकि, इस सफर में मुश्किलें भी कम नहीं रहीं। एक बार कोच से विवाद के चलते शुभमन को अकादमी से निकाल दिया गया। उस वक्त हार मानने के बजाय उनके पिता ने खुद शुभमन का ट्रेनिंग शेड्यूल तैयार किया। गिल ने बताया कि उनके पिता उन्हें रोज सुबह 3 बजे जगाते और प्रैक्टिस कराते थे। स्कूल जाने से पहले घंटों नेट पर कड़ी मेहनत होती थी। यह रूटीन सालों तक चलता रहा।

Shubman Gill shared Struggle Story ahead of Asia cup 2025 IND vs PAK

गिल के पहले कोच बने पिता

आज, सबसे कम उम्र में भारतीय टेस्ट टीम का नेतृत्व करने वाले और कप्तानी के कई रिकॉर्ड अपने नाम करने वाले शुभमन गिल (Shubman Gill) अपनी सफलता का श्रेय पूरी तरह से अपने पिता को देते हैं। गिल ने कहा, "मेरे पिता मेरे पहले कोच थे, मेरी पहली प्रेरणा। उनके त्याग और सहयोग के बिना, मैं यहां तक कभी नहीं पहुंच पाता।"

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