Dharmendra Death, Sachin Tendulkar Emotional Post: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने धर्मेंद्र की मौत पर बेहद इमोशनल पोस्ट शेयर किया। आपको बता दें धर्मेंद्र सचिन तेंदुलकर को अपने बेटे जैसा मानते थे।
'ऐसा लगा 10 किलो खून कम हो गया...' धर्मेंद्र की मौत पर टूटे क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, लिखा इमोशनल पोस्ट
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Dharmendra Death, Sachin Tendulkar Emotional Post: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता धर्मेंद्र का 24 नवंबर को निधन हो गया। धमेंद्र ने 89 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। धर्मेंद्र के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। क्रिकेट जगत भी उनके निधन पर शोक जता रहा है।
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने धर्मेंद्र की मौत पर बेहद इमोशनल पोस्ट शेयर किया। आपको बता दें धर्मेंद्र सचिन तेंदुलकर को अपने बेटे जैसा मानते थे।
Dharmendra के निधन पर सचिन तेंदुलकर ने शेयर किया इमोशल पोस्ट
सचिन तेंदुलकर ने एक्टर धर्मेंद्र को याद करते हुए इंस्टाग्राम पर लिखा,
‘दूसरे लोगों की तरह मुझे भी धर्मेंद्र जी एक ऐसे अभिनेता लगते थे जो अपने टैलेंट से हमारा मनोरंजन करते थे, वो मुझे तुरंत पसंद आ गए थे। जब मैं उनसे मिला तो पर्दे के पीछे का वो रिश्ता और भी गहरा हो गया। उनकी एनर्जी कमाल थी और हमेशा वो मुझे कहते थे- तुमको देखकर मेरा एक किलो खून बढ़ जाता है। उनमें एक गर्मजोशी थी, जिससे उनके आसपास के सभी लोग खुद को काफी ज्यादा खास महसूस करते थे। उनकी जैसी पर्सनैलिटी थी उसके बाद उनका फैन ना होना असंभव था। आज उनके निधन से मेरा मन भारी है। ऐसा लगता है जैसे मेरा 10 किलो खून कम हो गया है। आपकी बहुत याद आएगी।’
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Dharmendra का बॉलीवुड करियर
आपको बता दें धर्मेंद्र को 'ही-मैन' के नाम से भी जाना है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1960 में फिल्म 'दिल भी तेरा हम भी तेरे' से की थी। इसके बाद उन्होंने 'शोला और शबनम', 'अनपढ़', 'बंदिनी', 'पूजा के फूल', 'हकीकत', 'फूल और पत्थर', 'अनुपमा', 'खामोशी', 'प्यार ही प्यार', 'तुम हसीन मैं जवां', 'सीता और गीता', 'यादों की बारात' और 'शोले' जैसी कई यादगार फिल्मों में काम किया।

लंबे समय से बीमार थे Dharmendra
धर्मेंद्र पिछले लंबे समय से बीमार थे, कुछ दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सांस लेने में दिक्कत बढ़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। जब उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ तो उन्हें हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गई थी, लेकिन घर पर भी वे लगातार डॉक्टरों की निगरानी में थे।