तो क्या श्रीसंत मामले में राजस्थान रॉयल्स ने झूठ बोला था? ये कंपनी पहुंची सुप्रीम कोर्ट; जानें पूरा मामला

S Sreesanth Case: एस श्रीसांत से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। मामला 2012 से चल रहा है। अब बीमा कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

iconPublished: 02 Sep 2025, 04:30 PM
iconUpdated: 02 Sep 2025, 04:31 PM

S Sreesanth Related Case In Supreme Court: टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाज श्रीसांत इन दिनों थप्पड़ कांड को लेकर चर्चा में हैं। आईपीएल में लंबे वक्त तक राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलने वाले श्रीसांत को लेकर अब नया मामला सामने आया है, जिसमें बताया गया कि उनकी फ्रेंचाइजी राजस्थान ने झूठ बोला था। इस झूठ को लेकर एक कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दे दी है। तो आइए जानते हैं कि पूरा माजरा क्या है।

दरअसल मामला एक बीमा कंपनी से जुड़ा हुआ है। राजस्थान रॉयल्स ने बीमा कंपनी से 82 लाख रुपये की मांग की, लेकिन कंपनी ने पैसा देने से इनकार कर दिया। यह मामला 2012 का है, जब श्रीसांत को घुटने की चोट के चलते पूरे सीजन से बाहर होना पड़ा था।

S Sreesanth

बीमा कंपनी ने लगाया आरोप

बता दें कि जब श्रीसांत 2012 के सीजन में घुटने की चलते टूर्नामेंट से बाहर हुए, तो फ्रेंचाइजी ने बीमा कंपनी से 82 लाख रुपये का दावा किया। कंपनी के जरिए यह कहते हुए दावा खारिज कर दिया गया कि श्रीसांत को 2011 से पैर के अंगूठे में इंजरी है और इस इंजरी के बारे में कंपनी को नहीं बताया गया था।

बीमा कंपनी ने दावा किया कि श्रीसांत पुरानी यानी अगूंठे की चोट के चलते नहीं खेलने में सक्षम नहीं थे, लेकिन फ्रेंचाइजी का मानना था कि श्रीसांत को अंगूठे की चोट से कोई दिक्कत नहीं थी बल्कि वह घुटने की चोट के चलते नहीं खेल सके थे।

सुप्रीम कोर्ट ने मांगे S Sreesanth से जुड़े डॉक्यूमेंट्स

इस मामले में, राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) ने पहले राजस्थान रॉयल्स के हक में फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी को दावा भुगतान करने का आदेश दिया था। अब कंपनी ने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है।

अभी इस मामले पर फैसला आना बाकी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने श्रीसांत के फिटनेस सर्टिफिकेट सहित बाकी डॉयक्टूमेंट्स का अनुरोध किया है, जिससे पता लगाया जा सके कि क्या पहले से मौजूद पैर की चोट का खुलासा गया था।

S Sreesanth

जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने संक्षिप्त दलीलें सुनने के बाद मौखिक रूप से पूछा कि क्या श्रीसंत के पैर की चोट के बारे में आईपीएल फ्रेंचाइजी के मालिक ने बीमा कंपनी को बताया था।

फैसला आना बाकी

पीठ ने यह भी कहा कि अगर बीमा कंपनी को पैर की चोट के बारे में पता था तो उसे श्रीसंत का बीमा ही नहीं करना चाहिए था। अब देखना दिलचस्प होगा कि सुनवाई में इस मामले पर क्या फैसला होता है।

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