साउथ अफ्रीका के खिलाफ करारी हार के बाद गौतम गंभीर पर उठ रहे सवालों के बीच आर अश्विन ने उनका बचाव किया। इसके बाद उनका बयान वायरल हो रहा है।
‘गौतम गंभीर मेरे रिश्तेदार…’ हार के बाद आर अश्विन ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा
R Ashwin on Gautam Gambhir: भारत की टेस्ट टीम को साउथ अफ्रीका के खिलाफ मिली करारी हार के बाद आलोचनाओं का तूफ़ान नहीं थम रहा है। 13 महीनों में दूसरी बार टीम इंडिया को घरेलू टेस्ट सीरीज गंवानी पड़ी और इस बार भी निशाने पर हैं टीम के हेड कोच गौतम गंभीर। गुवाहाटी में 408 रनों की शर्मनाक शिकस्त ने दो मैचों की सीरीज को 2-0 से साउथ अफ्रीका के नाम कर दिया और इसके साथ ही भारत को घर पर तीसरी बार व्हाइटवॉश झेलना पड़ा।
फैंस का गुस्सा इतना बढ़ा कि स्टेडियम में “गंभीर हाय-हाय” के नारे तक लग गए। सोशल मीडिया पर भी कोच को हटाने की मांग तेज़ है। ऐसे माहौल में पहली बार टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर आर अश्विन सामने आए और गंभीर का खुलकर सपोर्ट किया। अश्विन ने साफ कहा—“हार के लिए कोच को जिम्मेदार ठहराना आसान है, लेकिन ये तरीका सही नहीं।”
गंभीर पर क्या बोले R Ashwin?
अश्विन (R Ashwin) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि भारतीय क्रिकेट में किसी एक व्यक्ति पर उंगली उठाना सबसे आसान काम है, लेकिन यह व्यवहार प्रोफेशनलिज्म से कोसों दूर है। उन्होंने कहा “यहां काफी पैसे लगे होते हैं, कई लोग नौकरी करने के लिए तैयार रहते हैं। लेकिन कोच जाकर नहीं खेल सकता। उसका काम सिर्फ प्लानिंग करना और खिलाड़ियों से बात करना होता है। अगर टीम हार रही है तो सबसे पहले जिम्मेदारी खिलाड़ियों की होती है, न कि कोच की।”

‘कोच कुछ नहीं कर सकता, स्किल खिलाड़ी दिखाते हैं’
अश्विन (R Ashwin) ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मैदान पर लड़ाई खिलाड़ी ही लड़ते हैं। उनका कहना था “एक कोच क्या कर सकता है? उसे खिलाड़ी को मौके देने होते हैं, रोटेशन मैनेज करना होता है, लेकिन स्किल और प्रदर्शन खिलाड़ी के कंट्रोल में है। आपने कभी नहीं सुना होगा कि कोई खिलाड़ी खुद आगे आकर जिम्मेदारी ले रहा हो।"
उन्होंने तमिल कहावत का उदाहरण भी दिया “अगर आटा है तो रोटी बनाओगे, अगर आटा ही नहीं है तो क्या बनाओगे? मुझे खिलाड़ियों की तरफ से जिम्मेदारी लेने की भावना नहीं दिखी। फैसले बेहतर हो सकते थे, लेकिन सारा दोष एक शख्स पर डालना गलत है।”

‘किसी एक पर हमला करना ठीक नहीं’
अश्विन (R Ashwin) ने कहा कि हार के बाद हमेशा एक बलि का बकरा ढूंढा जाता है जबकि असल समस्या टीम के प्रदर्शन में होती है। उन्होंने कहा “हम हमेशा किसी न किसी को दोषी ठहराते हैं। लेकिन टीम मैनेज करना आसान नहीं। खिलाड़ी, फॉर्म, हालात… सब चीज़ें जुड़ी होती हैं। कोच पर हमला सिर्फ एक आसान रास्ता है, सही नहीं।”