टीम इंडिया से बाहर किए जाने के बाद पहली बार ईशान किशन ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में झारखंड को चैंपियन बनाने वाले किशन ने बताया कि चयन न होने पर उन्हें बुरा लगा।
'बुरा लगा, मैं अच्छा कर रहा था...' टीम इंडिया से बाहर किए जाने पर Ishan Kishan ने आखिरकार तोड़ी चुप्पी, कह डाली दिल की बात
Ishan Kishan on being ignored from Team India: टीम इंडिया से लंबे समय से बाहर चल रहे ईशान किशन ने आखिरकार अपने दिल का दर्द बयां किया है। घरेलू क्रिकेट में लगातार शानदार प्रदर्शन के बावजूद राष्ट्रीय टीम में जगह न मिलने को लेकर उन्होंने खुलकर बात की और माना कि यह दौर उनके लिए बेहद मुश्किल रहा।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 का खिताब झारखंड को जिताने के बाद ईशान किशन ने न सिर्फ बल्ले से जवाब दिया, बल्कि अपने संघर्ष, निराशा और आत्मविश्वास पर भी खुलकर अपनी राय रखी। कप्तान के तौर पर टीम को ट्रॉफी दिलाना उनके करियर के सबसे यादगार पलों में से एक रहा।
टीम इंडिया से बाहर होने पर क्या बोले Ishan Kishan
झारखंड को खिताब जिताने के बाद ईशान किशन ने पहली बार टीम इंडिया से ड्रॉप किए जाने पर चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा, “जब मेरा चयन नहीं हुआ तो मुझे बहुत बुरा लगा, क्योंकि मैं अच्छा प्रदर्शन कर रहा था। लेकिन मैंने खुद से कहा कि अगर इतने प्रदर्शन के बाद भी मौका नहीं मिल रहा है, तो शायद मुझे और ज्यादा करना होगा। शायद मुझे अपनी टीम को जिताना होगा और एक यूनिट के तौर पर बेहतर खेलना होगा।”
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में Ishan Kishan का धमाका
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में हरियाणा के खिलाफ ईशान किशन (Ishan Kishan) का बल्ला आग उगलता नजर आया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने सिर्फ 49 गेंदों में 101 रनों की विस्फोटक पारी खेलते हुए झारखंड को 20 ओवर में 262/3 के विशाल स्कोर तक पहुंचाया। कप्तान के तौर पर उन्होंने आगे बढ़कर जिम्मेदारी संभाली और पूरे टूर्नामेंट में टीम को लीड किया। इस घरेलू टी20 टूर्नामेंट में ईशान किशन ने 10 पारियों में 517 रन बनाए और सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने।
युवाओं को ईशान किशन का संदेश
ईशान किशन (Ishan Kishan) ने इस मौके पर युवा खिलाड़ियों को भी अहम संदेश दिया। उन्होंने कहा, “निराशा को खुद पर हावी नहीं होने देना बहुत जरूरी है। फ्रस्ट्रेशन आपको एक कदम पीछे ले जाता है। मेहनत, आत्मविश्वास और अपने लक्ष्य पर फोकस ही आपको आगे बढ़ाता है।” उन्होंने माना कि कई बार नाम न देखकर बुरा लगता है, लेकिन अब वह उस मानसिक स्थिति से बाहर आ चुके हैं। “अब मैं किसी उम्मीद में नहीं हूं। मेरा काम है सिर्फ प्रदर्शन करते रहना,” ईशान ने मुस्कुराते हुए कहा।
‘सबसे खुशहाल पल’ बना सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी खिताब
ईशान किशन (Ishan Kishan) के करियर में उतार-चढ़ाव कम नहीं रहे हैं। एक समय वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने के बावजूद उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर बैठना पड़ा था। हालांकि, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीत को वह अपने करियर के सबसे खुशी के पलों में गिनते हैं।
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