इंडियन ड्रेसिंग रूम में बगावत! भारतीय खिलाड़ियों ने कोच से बातचीत बंद कर दी है। क्या है पूरा मामला?

Team India: भारतीय क्रिकेट में कोच और खिलाड़ियों के बीच विश्वास और तालमेल को हमेशा बेहद अहम माना जाता रहा है। लेकिन एक दौर ऐसा भी आया, जब यह रिश्ता गहरे विवाद में बदल गया।

iconPublished: 28 Oct 2025, 06:28 PM
iconUpdated: 28 Oct 2025, 06:44 PM

Indian Dressing Room 1997 Controversy: भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कोच-खिलाड़ी संबंधों में तनाव का एक बड़ा मामला सामने आया है, जो ग्रेग चैपल विवाद से भी काफ़ी पहले का है। यह घटना 1997 के श्रीलंका दौरे की है, जब तत्कालीन हेड कोच मदन लाल के एक विस्फोटक अखबार इंटरव्यू के बाद भारतीय ड्रेसिंग रूम में विद्रोह की स्थिति पैदा हो गई थी, जिसके बाद बीसीसीआई को जल्दबाजी में मदन लाल को पद से हटाना पड़ा।

पिछले कुछ सालों में भारतीय क्रिकेट टीम में कोच और खिलाड़ियों के बीच रिश्ते काफी मजबूत और भरोसे वाले रहे हैं। रवि शास्त्री हों, राहुल द्रविड़ हों या अब गौतम गंभीर हर किसी के साथ टीम का तालमेल बहुत अच्छा रहा है।

क्या है पूरा मामला?

पूर्व बीसीसीआई मैनेजर रत्नाकर शेट्टी ने अपनी आत्मकथा "ऑन बोर्डमाई ईयर्स इन बीसीसीआई" में इस पूरे विवाद का विस्तार से जिक्र किया है। उनके अनुसार, विवाद की शुरुआत तब हुई जब द हिंदू में मदन लाल का एक इंटरव्यू प्रकाशित हुआ। इस इंटरव्यू में वर्ल्ड कप 1983 विजेता मदन लाल ने टीम के कई सक्रिय खिलाड़ियों की सार्वजनिक आलोचना कर दी थी।

Indian Dressing Room 1997 Controversy Indian players boycott head coach Madan Lal during IND vs SL ODI series

इन खिलाड़ियों की आलोचना की

  • अजय जडेजा को यह तय करना चाहिए कि वे बल्लेबाज हैं या गेंदबाज।
  • रॉबिन सिंह मेहनती तो हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर के ऑलराउंडर नहीं।
  • सबा करीम को औसत विकेटकीपर बताया गया।
  • यहां तक कि टीम के स्टार स्पिनर अनिल कुंबले तक को उनके प्रदर्शन पर टिप्पणी से नहीं बख्शा।

खिलाड़ियों ने किया बॉयकॉट

रत्नाकर शेट्टी के मुताबिक, इस इंटरव्यू ने ड्रेसिंग रूम में तनाव बढ़ा दिया। खिलाड़ियों ने कोच से बातचीत बंद कर दी, जिससे टीम का माहौल बेहद खराब हो गया। तनाव उस समय चरम पर पहुंच गया जब सीरीज के एक वनडे मैच में, एक आलोचित खिलाड़ी ने शतक जड़ने के बाद जश्न में अपने बल्ले का हैंडल मीडिया बॉक्स की ओर इशारा किया। इसे कोच को उनके बयान का सीधा और खुला जवाब माना गया।

इस बड़े विवाद के कुछ ही महीनों के अंदर, बीसीसीआई ने मदन लाल को हेड कोच के पद से हटा दिया। उनकी जगह अंशुमन गायकवाड़ को नियुक्त किया गया। ये भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सबसे कम लेकिन सबसे विवादित कार्यकालों में से एक को दर्शाता है।

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