IND vs SA टेस्ट सीरीज में भारतीय बल्लेबाज बुरी तरह फ्लॉप रहे हैं। तीन पारियों में सिर्फ एक अर्धशतक लगा है और टीम एक शर्मनाक रिकॉर्ड के करीब पहुंच गई है।
IND vs SA: भारतीय बल्लेबाजों पर संकट गहराया, 30 साल में पहली बार शर्मनाक रिकॉर्ड से बस कुछ कदम दूर टीम इंडिया
IND vs SA 2nd Test: भारत और साउथ अफ्रीका के बीच खेली जा रही दो मैचों की टेस्ट सीरीज टीम इंडिया के लिए अब तक बेहद निराशाजनक रही है। पहले टेस्ट में मिली 30 रनों की हार के बाद उम्मीद थी कि भारत गुवाहाटी टेस्ट में मजबूती से वापसी करेगा, लेकिन हालात उलटे ही दिखे। भारतीय बल्लेबाजी तीन पारियों में पूरी तरह संघर्ष करती नजर आई है। हैरानी की बात यह है कि तीन में से सिर्फ एक बार टीम 200 रन के आंकड़े को पार कर पाई है, वो भी मुश्किल से—201 रनों के साथ।
सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि अब तक किसी भी भारतीय खिलाड़ी के बल्ले से शतक नहीं निकला है। सिर्फ एक अर्धशतक (यशस्वी जायसवाल – 58 रन) देखने को मिला है। यह आंकड़े साफ बताते हैं कि टीम इंडिया का टॉप ऑर्डर तो छोड़िए, मिडिल ऑर्डर भी लगातार फ्लॉप हो रहा है और बल्लेबाज मैच दर मैच अपना विकेट बेचने की होड़ में नजर आ रहे हैं।
IND vs SA: भारतीय बल्लेबाजों का बुरा हाल
इस सीरीज में भारत के लगभग हर बल्लेबाज ने निराश किया है। ओपनर से लेकर लास्ट ऑर्डर तक रन बनाने की बजाय विकेट गिराने की होड़ दिख रही है। केएल राहुल की सबसे बड़ी पारी 39 रन, ऋषभ पंत सिर्फ 27 रन, ध्रुव जुरेल एक भी पारी में 20 रन तक नहीं पहुंच सके। रविंद्र जडेजा भी सिर्फ 27 रन की इनिंग खेल पाए हैं।

अगर एक खिलाड़ी की बात करें जिसने कुछ संघर्ष दिखाया है, तो वह हैं वॉशिंगटन सुंदर, जिन्होंने अब तक 108 रन बनाए हैं। वह अकेले खिलाड़ी हैं जो इस सीरीज में 100 रन का आंकड़ा पार कर पाए हैं। अन्य बल्लेबाजों का परफॉर्मेंस बताते हुए शर्मिंदगी महसूस होती है।
IND vs SA: 30 साल पुराने रिकॉर्ड के करीब भारत
इस सीरीज (IND vs SA) में शतक लगना भारतीय टीम के लिए सपना बन गया है। अभी तक टीम को सिर्फ एक और मौका मिलेगा बल्लेबाजी का। अगर इस पारी में भी कोई भारतीय बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया, तो यह 30 साल में पहली बार होगा कि भारत में खेली गई किसी टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम की ओर से एक भी शतक नहीं आया।

IND vs SA: साउथ अफ्रीका का दबदबा
वहीं साउथ अफ्रीका के लिए सब कुछ शानदार रहा है। टीम की तरफ से पहले ही मैच में सेन्युरन मुथुसामी ने शतक जड़कर भारतीय बल्लेबाजों की कमजोरियों को आईने की तरह साफ कर दिया। 7वें नंबर पर उतरकर उन्होंने 109 रन (206 गेंद) की शानदार पारी खेली, जिसमें 10 चौके और 2 छक्के शामिल थे।
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