‘मेरी नहीं, शुभमन गिल की टीम है…’ कोच गौतम गंभीर का चढ़ा पारा! किस बात पर कही ये बात? जानें पूरा माजरा

Gautam Gambhir: हेड कोच गौतम गंभीर कई महीनों से सवालों का सामना कर रहे हैं और अब उन्होंने इन मुद्दों पर अपनी चुप्पी तोड़ी है।

iconPublished: 13 Oct 2025, 08:18 AM
iconUpdated: 13 Oct 2025, 08:25 AM

Gautam Gambhir on Team India: भारतीय क्रिकेट टीम के हेड कोच गौतम गंभीर ने आखिरकार उन तमाम अफवाहों पर विराम लगा दिया है, जिनमें उन्हें टीम इंडिया के असली फैसले लेने वाला ‘गुप्त कप्तान’ बताया जा रहा था।

दरअसल, पिछले कुछ महीनों से सोशल मीडिया और क्रिकेट गलियारों में यह चर्चा थी कि गंभीर ही विराट कोहली और रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास के पीछे की वजह हैं। इतना ही नहीं, यह भी कहा जा रहा था कि वनडे कप्तानी रोहित शर्मा से लेकर शुभमन गिल को देने का सुझाव भी गंभीर ने ही दिया था।

क्या है पूरा मामला?

पिछले साल जुलाई में टीम इंडिया के हेड कोच का पद संभालने वाले गौतम गंभीर पर टीम पर अपने फैसले थोपने और हर रणनीति में अपनी बात रखने का आरोप लगा था। कहा जा रहा था कि टीम के चयन से लेकर ऑलराउंडरों को जोड़ने और लेफ्ट-राइट बल्लेबाजों के कॉम्बिनेशन तक, हर योजना में गंभीर की सोच झलकती है।

Gautam Gambhir breaks silence on criticism mention Shubman Gill and Suryakumar Yadav name during IND vs WI 2nd test

Gautam Gambhir का बयान

अब खुद गौतम गंभीर ने इन सभी अटकलों पर खुलकर प्रतिक्रिया दी है। आकाश चोपड़ा को दिए एक इंटरव्यू में गंभीर ने साफ कहा कि कप्तान ही टीम का असली नेता होता है। उन्होंने कहा, "आखिरकार, सूर्यकुमार यादव ही टी20 टीम के लीडर हैं। यह उनकी टीम है, मेरी नहीं। और शुभमन की टेस्ट और वनडे टीम है, मेरी नहीं।"

Suryakumar Yadav regrets for Missing MS Dhoni’s Captaincy talk about Rohit Sharma and Virat Kohli

सूर्यकुमार के बयान ने दी थी हवा

हाल ही में सूर्यकुमार यादव के एक बयान ने इन अटकलों को और हवा दी थी। सूर्या ने कहा था कि जब भी कोच गंभीर मैदान से कोई निर्देश देते हैं, वह बिना किसी हिचकिचाहट के उसे मान लेते हैं। इस बयान के बाद गौतम गंभीर की भूमिका को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं।

कुछ क्रिकेट पंडितों का मानना था कि शुभमन गिल को वनडे और टेस्ट टीम की कप्तानी दिलाने में भी गौतम गंभीर का हाथ है। उनका तर्क था कि युवा खिलाड़ी पर अपनी सोच लागू करना रोहित शर्मा या जसप्रीत बुमराह जैसे अनुभवी खिलाड़ियों की तुलना में आसान होता है। हालांकि, इन सभी बातों का कोई ठोस आधार कभी सामने नहीं आया।

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