भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर नाम लिखवाना कंपनियों के लिए हमेशा प्रतिष्ठा की बात रहा है, लेकिन इतिहास गवाह है कि टीम इंडिया का टाइटल स्पॉन्सर बनने वाली कई कंपनियां आगे चलकर मुश्किलों में फंस गईं।
टीम इंडिया स्पॉन्सर बनना मतलब 'गड्डे' में गिरना! इन कंपनियों का हुआ बेड़ा गर्क

Team India sponsors: भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी के आगे बड़े-बड़े अक्षरों में जिस भी कंपनी का नाम लिखा होता है, उसके लिए BCCI करोड़ों रुपये चार्ज करता है. टीम इंडिया की जर्सी पर नाम लिखा होना अपने आप में बहुत बड़ा सम्मान है।मगर इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि भारतीय टीम की जर्सी पर जिस भी कंपनी का नाम लिखा, उसे आगे चलकर मुश्किलों ने घेर लिया। इस सूची में अब ड्रीम 11 का नाम जुड़ गया है। दरअसल नए ऑनलाइन गेमिंग बिल की मार ड्रीम 11 पर भी पड़ी है।
नया ऑनलाइन गेमिंग बिल पहले ही राज्यसभा में पास हो चुका है। राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद यह नए कानून में बदल जाएगा। बस उसी के बाद ड्रीम11 को भारत से बोरिया-बिस्तर समेटना पड़ेगा। मगर इससे पहले सहारा, ओप्पो समेट कई सारी कंपनी टीम इंडिया (Team India) की टाइटल स्पॉन्सर बनीं, खूब सारा मुनाफा भी कमाया, लेकिन आगे चलकर डूबने की कगार पर आ पहुंचीं। आइए जानते है सभी स्पॉन्सर के बारे में।
Team India की स्पॉन्सर बनने वाली कंपनी जिनका हुआ बेड़ा गर्क
सहारा
2010 के दशक में गली-गली में क्रिकेट खेल रहे बच्चे टीम इंडिया (Team India) की सहारा वाली जर्सी पहनने का सपना देखा करते थे। उसकी टीम इंडिया के साथ पार्टनरशिप करीब 12 साल तक चली और 2013 तक भारत ने 2003 ODI वर्ल्ड कप का फाइनल खेला, 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीता, 2011 वनडे वर्ल्ड कप भी जीता। यह सब भारतीय खिलाड़ियों ने सहारा वाली जर्सी पहने हासिल किया, इस सबके बावजूद सहारा कंपनी धीरे-धीरे पतन की ओर बढ़ने लगी थी।
स्टार इंडिया
वह 2014-2017 का समय था जब भारतीय टीम की जर्सी पर बड़े-बड़े अक्षरों में 'Star' लिखा होता था। ये वही दौर था जब विराट कोहली ने टेस्ट टीम (Team India) की कप्तानी संभाली। टीम इंडिया अच्छा कर रही थी, लेकिन स्टार इंडिया के स्वामित्व वाली कंपनी वॉल्ट डिजनी पर आरोप लगे कि वह मार्केट डॉमिनेंस का दुरुपयोग कर रहा है। यहां से स्टार का प्रभुत्व कम होता गया, इसी कारण उसे मार्केट में टिके रहने के लिए जियो से पार्टनरशिप तक करनी पड़ी।
ओप्पो
मोबाइल कंपनी ओप्पो तब सुर्खियों में आई, जब उसने बीसीसीआई के साथ 1079 करोड़ रुपये की डील साइन की थी। इस चीनी कंपनी को भारतीय टीम का टाइटल स्पॉन्सर बनने से नुकसान होने लगा था, जिसके कारण उसे कॉन्ट्रैक्ट बीच में ही समाप्त करना पड़ा था। बीसीसीआई और ओप्पो की साझेदारी 2017-2020 तक चली। कंपनी के लिए स्पॉन्सरशिप का खर्च उठाना तक मुश्किल हो रहा था।
बायजू
बायजू की कहानी से भला कौन वाकिफ नहीं, जो टीम इंडिया (Team India) की जर्सी पर लगभग 2 साल ही टिक पाई। साल 2022 में Byju's कंपनी की वैल्यू 22 अरब डॉलर आंकी गई थी, लेकिन इस कंपनी को 'अर्श से फर्श तक आने' मुहावरे का सही अर्थ तब पता चला जब कंपनी की वैल्यू अरबों डॉलर से 0 पर आ गई। बायजू की हालत इतनी खराब हो गई थी कि BCCI को उससे बकाया राशि वसूलने के लिए न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाना पड़ा था।
ड्रीम11
अब नंबर है ड्रीम11 का, जिसको नए ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण नुकसान होना तय माना जा रहा है। करीब 4 साल पहले ड्रीम11 पर जीएसटी टेक्स चोरी का आरोप लगा था, जिससे कंपनी की छवि धूमिल हुई। वहीं अब ऑनलाइन गेमिंग बिल के कारण ड्रीम11 के भारत में सारे ऑपरेशंस बंद हो सकते हैं और कंपनी का नाम भारतीय टीम की जर्सी से हटाया जा सकता है।
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