IND vs PAK: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों के दौरान खिलाड़ियों के हाथ मिलाने की परंपरा जल्द ही फिर से शुरू होती नहीं दिख रही है। 14 दिसंबर को खेले गए अंडर-19 एशिया कप 2025 में भारत बनाम पाकिस्तान मैच में भी "नो-हैंडशेक पॉलिसी" देखने को मिला।
ICC की रिक्वेस्ट को BCCI ने किया खारिज! IND vs PAK मैच में नो-हैंडशेक पॉलिसी जारी
No-Handshake Policy Continued in IND vs PAK U19 Asia Cup 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैचों में हाथ मिलाने की परंपरा को लेकर एक बार फिर चर्चा तेज हो गई है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की अपील के बावजूद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अपनी "नो-हैंडशेक पॉलिसी" जारी रखी है।
रविवार, 14 दिसंबर को दुबई के आईसीसी क्रिकेट एकेडमी में खेले गए अंडर-19 एशिया कप 2025 मुकाबले (IND vs PAK) में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ हाथ नहीं मिलाया, जिससे ये साफ हो गया कि बीसीसीआई इस मुद्दे पर अपने रुख से पीछे हटने के मूड में नहीं है।
ICC ने किया था BCCI से रिक्वेस्ट
मैच से पहले पीटीआई की एक रिपोर्ट में बताया गया था कि आईसीसी चाहता है कि जूनियर स्तर के क्रिकेट को राजनीति से दूर रखा जाए। इसी सोच के तहत आईसीसी ने बीसीसीसाई से अनुरोध किया था कि भारत इस बार पाकिस्तान के खिलाफ नो-हैंडशेक पॉलिसी पर पुनर्विचार करे। हालांकि, आईसीसी ने ये भी साफ किया था कि इस पर अंतिम फैसला बीसीसीसाई का ही होगा। बीसीसीसाई ने इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया और पहले की तरह नो-हैंडशेक पॉलिसी को जारी रखा।

IND vs PAK अंडर-19 मैच में जारी रहा नो-हैंडशेक पॉलिसी
रविवार, 14 दिसंबर को भारत बनाम पाकिस्तान (IND vs PAK) मैच शुरू होने से पहले टॉस के दौरान ये स्थिति पूरी तरह साफ नजर आई। भारतीय अंडर-19 टीम के कप्तान आयुष म्हात्रे ने पाकिस्तानी कप्तान फरहान यूसुफ से हाथ नहीं मिलाया।
टॉस जीतने के बाद फरहान यूसुफ ने पहले गेंदबाजी का फैसला किया। इस दौरान आयुष म्हात्रे उनके पीछे खड़े रहे, लेकिन किसी तरह का हैंडशेक नहीं हुआ। टॉस के बाद यूसुफ ने बिना आई कॉन्टैक्ट बनाए माइक्रोफोन सौंपा और सीधे डगआउट की ओर लौट गए। ये पूरा दृश्य कैमरों में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बना।

नो-हैंडशेक पॉलिसी का इतिहास
गौरतलब है कि भारत ने ये नो-हैंडशेक पॉलिसी पहली बार साल 2025 सितंबर में दुबई में खेले गए सीनियर एशिया कप मुकाबले के दौरान अपनाई थी। ये फैसला पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और भारतीय सेना के प्रति एकजुटता दिखाने के प्रतीक के तौर पर लिया गया था। इसके बाद भारत ने विमेंस वनडे वर्ल्ड कप और राइजिंग स्टार्स एशिया कप टी20 टूर्नामेंट में भी पाकिस्तान के खिलाफ यही नीति जारी रखी।
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