Afghanistan Cricketers died in air strike: अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक दुखद घटना ने पूरे क्रिकेट जगत को झकझोर दिया है। पाकिस्तान की एयरस्ट्राइक में अफगानिस्तान के पाकटिका प्रांत में तीन युवा क्रिकेटरों की मौत हो गई। इन क्रिकेटरों के नाम कबीर आघा, सिबगतुल्लाह और हारून बताए जा रहे हैं, जो घरेलू टूर्नामेंट की तैयारी में जुटे थे।
इस भयावह घटना के बाद भारत के क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने गहरा शोक व्यक्त करते हुए अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) और दिवंगत खिलाड़ियों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त की हैं। बीसीसीआई ने इस हमले को "कायरतापूर्ण और अनुचित" बताया और निर्दोष खिलाड़ियों की मौत पर गहरी चिंता जताई।
बीसीसीआई ने जताया गहरा शोक
बीसीसीआई ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “हम अफगानिस्तान (Afghanistan) के तीन युवा क्रिकेटरों – कबीर आघा, सिबगतुल्लाह और हारून की दुखद मौत पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं, जो पाकटिका प्रांत में हुए एयरस्ट्राइक में मारे गए। बीसीसीआई अफगानिस्तान के लोगों और क्रिकेट परिवार के साथ इस कठिन समय में एकजुटता प्रकट करता है।” बोर्ड ने यह भी कहा कि ऐसे उभरते हुए खिलाड़ियों का जाना न सिर्फ अफगानिस्तान के लिए बल्कि पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।
BCCI condoles the tragic loss of Afghan cricketers
अफगानिस्तान (Afghanistan) क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया के जरिए इस दुखद खबर की पुष्टि की। बोर्ड ने तीनों खिलाड़ियों को “भविष्य का सितारा” बताते हुए कहा कि उनकी कमी कभी पूरी नहीं हो सकेगी। एसीबी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की कि खेल के क्षेत्र में ऐसी हिंसक घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं।
क्रिकेट जगत में शोक और आक्रोश
इस घटना के बाद दुनियाभर के क्रिकेटरों और बोर्ड्स ने अफगानिस्तान के प्रति एकजुटता दिखाई है। अफगानिस्तान के स्टार ऑलराउंडर राशिद खान ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए अपने ट्विटर बायो से ‘लाहौर कलंदर्स’ हटा दिया। वहीं कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने भी इन युवा क्रिकेटरों की मौत को “अमानवीय त्रासदी” बताया।
सवालों के घेरे में सुरक्षा और भविष्य
इस घटना ने एक बार फिर युद्धग्रस्त क्षेत्रों में खिलाड़ियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अफगानिस्तान में क्रिकेट हमेशा उम्मीद और जज्बे का प्रतीक रहा है, लेकिन ऐसे हादसे इस खेल की नींव को हिला देते हैं। अफगान क्रिकेटरों की यह दर्दनाक मौत न केवल अफगानिस्तान के लिए बल्कि पूरे एशियाई क्रिकेट समुदाय के लिए चेतावनी है कि खेल के मैदान को युद्ध का शिकार नहीं बनने देना चाहिए।