Gautam Gambhir: इंग्लैंड में सिराज की दमदार गेंदबाजीऔर लगातार पांच टेस्ट खेलने की फिटनेस ने बीसीसीआई और गौतम गंभीर को बड़ा फैसला लेने पर मजबूर कर दिया है।
गौतम गंभीर का नया रुख, नहीं मिलेगा स्टार खिलाड़ियों को सीरीज चुनने का हक; अब नहीं चलेगा 'वर्कलोड' का बहाना!

Gautam Gambhir on Workload Management: इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज भारतीय टीम ने 2-2 की बराबरी पर समाप्त किया। इस टेस्ट सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि, भारतीय टीम एक नई कल्चर की ओर बढ़ रही है। जहां एक ओर मोहम्मद सिराज ने लगातार पांच टेस्ट मुकाबले खेलकर खुद को भारत के सबसे भरोसेमंद गेंदबाज के तौर पर साबित किया, वहीं अब इस प्रदर्शन का असर टीम कल्चर पर भी साफ नजर आने वाला है।
हेड कोच बने गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) पहले ही 'मेगा स्टार कल्चर' के खिलाफ अपना रुख साफ कर चुके हैं। और अब सिराज की मेहनत ने उनके हाथ में वो मजबूत तर्क दे दिया है जिसकी उन्हें जरूरत थी कि हर खिलाड़ी बराबर है और वे टीम सबसे ऊपर है।
अब नहीं चलेगी 'मैच चुनने' की छूट, Gautam Gambhir का नया रूख
बीसीसीआई के उच्च अधिकारियों और चयन समिति के साथ गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का रुख अब बिल्कुल साफ होता दिख रहा है। जानकारी के मुताबिक, बोर्ड इस बात पर एकमत है कि सेंट्रली कॉन्ट्रैक्टेड खिलाड़ी अब अपने हिसाब से सीरीज और मुकाबले नहीं चुन सकेंगे। एक वरिष्ठ बीसीसीआई अधिकारी ने PTI से कहा, "ऐसा नहीं है कि वर्कलोड मैनेजमेंट को पूरी तरह नकारा जाएगा, लेकिन अब इसका दुरुपयोग नहीं चलेगा। तेज गेंदबाजों के मामले में सावधानी जरूर बरती जाएगी, लेकिन अहम मैचों को छोड़ने का बहाना अब नहीं चलेगा।"
सिराज ने इंग्लैंड के खिलाफ पांचों टेस्ट मैच खेले और 185.3 ओवर फेंके। साथ ही फील्डिंग और नेट्स के दौरान की गई मेहनत को जोड़ लें तो यह प्रदर्शन महज एक आंकड़ा नहीं, बल्कि एक स्टेटमेंट बन गया है। इसी सीरीज में आकाश दीप और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे नाम भी सामने आए जिन्होंने दिखाया कि अब कोई खिलाड़ी अनटचेबल नहीं है। इसी वजह से गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) बड़ा एक्शन ले सकते है।
'वर्कलोड' को बाहर निकालो, गावस्कर का तीखा बयान
इस बहस के बीच, पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने वर्कलोड मैनेजमेंट की थ्योरी पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब आप देश के लिए खेलते हैं तो दर्द-थकान भूल जाओ। रिषभ पंत फ्रैक्चर के साथ खेलने उतरे थे, वही जज़्बा चाहिए।” गावस्कर ने सिराज की जमकर तारीफ करते हुए कहा, “उसने 5 टेस्ट में दिल-जान लगाकर बॉलिंग की और वर्कलोड के भ्रम को तोड़ दिया। अब समय आ गया है कि ‘वर्कलोड’ शब्द को भारतीय क्रिकेट की डिक्शनरी से निकाल दिया जाए।”
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