Team India: अब भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी पर ड्रीम11 की जगह किसी और ब्रांड का लोगो दिखेगा। पिछले कई हफ्तों से बीसीसीआई एक स्पॉन्सर की तलाश में था। अब यह तलाश करोड़ों की डील पर खत्म हुई है।
एशिया कप के बीच टीम इंडिया को मिला नया जर्सी स्पॉन्सर, BCCI ने एक मैच के लिए करोड़ों रुपये में किया करार

Team India New Jersey Sponsor: भारत सरकार द्वारा नया कानून लाने के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को बड़ा झटका लगा था। जिसके चलते टीम इंडिया (Team India) के जर्सी स्पॉन्सर ड्रीम11 के साथ करोड़ों रुपये का करार खत्म करना पड़ा। ये फैसला एशिया कप 2025 के शुरू होने से ठीक पहले लिया गया। जिसके बाद टीम इंडिया को बिना स्पॉन्सर वाली जर्सी के साथ इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेना पड़ा।
अब टीम इंडिया (Team India) के नए जर्सी स्पॉन्सर को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। जिसमें बताया गया है कि बीसीसीआई ने एक ब्रांड के साथ करार किया है। जिसमें एक मैच के लिए करोड़ों रुपये की डील हुई है।
कौन बना Team India का नया जर्सी स्पॉन्सर?
एशिया कप 2025 के बीच भारतीय क्रिकेट टीम (Team India) को नया जर्सी स्पॉन्सर मिल गया है। लंबे इंतजार के बाद, अपोलो टायर्स अब टीम इंडिया का नया मेन स्पॉन्सर बन गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ये कंपनी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को हर मैच के लिए करीब 4.5 करोड़ रुपये देगी। ये रकम पिछले स्पॉन्सर ड्रीम11 से ज्यादा है, जो पहले हर मैच के लिए 4 करोड़ रुपये देता था।
🚨 APOLLO TYERS × INDIAN CRICKET 🚨
— Johns. (@CricCrazyJohns) September 16, 2025
- Apollo Tyres will be the new Jersey Sponsor of the Indian team. [Sahil Malhotra from TOI]
4.5 Crore per game which is higher than the previous Jersey Sponsors. pic.twitter.com/voRGKLQtR2
स्पॉन्सर से क्यों बाहर हुआ ड्रीम11?
ड्रीम11 और बीसीसीआई को एशिया कप 2025 से पहले समझौता बीच में ही तोड़ना पड़ा क्योंकि केंद्र सरकार ने नया ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 लागू कर दिया है। इसके बाद बीसीसीआई ने नए टेंडर आमंत्रित किए। खबरों के मुताबिक, 16 सितंबर को हुई बोली प्रक्रिया में अपोलो टायर्स सबसे आगे रही। कैनवा और जेके टायर जैसी कंपनियां भी इस दौड़ में थीं। वहीं, बिड़ला ऑप्टस पेंट्स ने रुचि दिखाई, लेकिन औपचारिक बोली प्रक्रिया में शामिल नहीं हुई।
बीसीसीआई की सख्ती
ड्रीम11 के अनुभव के बाद बीसीसीआई इस बार कोई रिस्क लेना नहीं चाहता था। इसलिए टेंडर डॉक्यूमेंट में साफ शर्तें रखी गईं। शराब, सट्टेबाजी, जुआ, क्रिप्टोकरेंसी, ऑनलाइन मनी गेमिंग और तंबाकू से जुड़ी कंपनियों को पूरी तरह से बोली से बाहर रखा गया। साथ ही, वे सेक्टर जहां पहले से टीम इंडिया के स्पॉन्सर मौजूद हैं, वहां भी नए ब्रांड को मौका नहीं दिया गया।
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