आईपीएल 2025 हाल ही में समाप्त हुआ है और इसमें कई शानदार मुकाबले देखने को मिले। इस सीजन कई युवा खिलाड़ियों को पहचान मिली, जिसमें से एक वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi) का भी नाम है। वैभव की बल्लेबाजी ने सभी को उनकी तरफ आकर्षित किया है। खासकर उनके नाम आईपीएल में सबसे कम उम्र में शतक जड़ने का रिकॉर्ड भी दर्ज हो गया। ऐसे में उनके भविष्य को लेकर पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह ने एक गंभीर सवाल उठाकर सभी को चिंता में डाल दिया है।
Vaibhav Suryavanshi ने 90 गेंदों में बनाए 190 रन
दरअसल, वैभव सूर्यवंशी एक ऐसे युवा खिलाड़ी हैं, जिन्होंने आईपीएल में डेब्यू करते ही इतिहास रच दिया। यहां तक कि उनके प्रदर्शन को देख सभी उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर के साथ कर रहे हैं। बता दें, उनका फॉर्म आईपीएल के बाद भी वैसा ही है। कुछ समय पहले बेंगलुरु में स्थित बीसीसीआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में एक प्रैक्टिस मैच के दौरान वैभव ने 90 गेंदों में 190 रनों की धमाकेदार पारी खेली और एक बार फिर सभी का ध्यान अपनी तरफ खींचा। कम उम्र में उनका कारनामा देखकर लोग उनकी बेहद प्रंशसा कर रहे हैं।
योगराज सिंह को वैभव के भविष्य की चिंता
जहां पूरा देश Vaibhav Suryavanshi के प्रदर्शन से खुश है, वहीं योगराज सिंह ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर उनके भविष्य पर बात की है। दरअसल 'इंसाइड स्पोर्ट्स' के साथ बातचीत में योगराज सिंह ने बताया कि वैभव की असली परीक्षा टेस्ट क्रिकेट है। वह देखना चाहते हैं कि क्या पांच दिनों तक सूर्यवंशी टिक सकते हैं या नहीं ?

उन्होंने कहा, ''50 ओवर और 20 ओवर का खेल ठीक है। मैं इन फॉर्मेट्स को नहीं मानता लेकिन जब ये फॉर्मेट्स हैं तो आपको तीनों फॉर्मेट्स में खेलने के लिए फिट होना चाहिए। आप क्यों संघर्ष करते हैं? क्योंकि आप सिर्फ टी20, आईपीएल और 50 ओवर पर ध्यान देते हैं। आज तो 50 ओवर भी नहीं खेल सकते हैं हम लोग।''
कोच पर साधा निशाना
योगराज सिंह ने Vaibhav Suryavanshi के साथ-साथ कोच और प्रशासकों को लेकर भी बड़ी बात कही है। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा, ''सभी कोच और प्रशंसक एयर कंडीशनिंग में बैठकर काम करना चाहते हैं। यहां, मैं 48 डिग्री सेल्सियस में हूं और मेरे अंदर युवराज सिंह जैसे और भी शानदार क्रिकेटर बनाने का जुनून है, जबकि आजकल के कोच में जुनून की कमी दिखती है।
योगराज सिंह का साफ-साफ यह कहना है कि आज के खिलाड़ी सभी फॉर्मेट खेलना चाहते हैं, सिर्फ टेस्ट क्रिकेट को छोड़कर। बता दें, टेस्ट फॉर्मेट में सभी खिलाड़ी को 5 दिन तक खेलना होता है, इसके लिए धैर्य के साथ-साथ फिटनेस की भी जरूरत होती है।