Yashasvi Jaiswal: भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ओपनर खिलाड़ी यशस्वी जयसवाल ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले दिन लीड्स टेस्ट में धमाकेदार बल्लेबाजी की। कई बार यह देखा जाता है कि हम खिलाड़ी को खेलते हुए तो देखते हैं लेकिन उसके अंदर के दर्द को नहीं समझ पाते हैं।
जायसवाल की तूफानी शतक की तो हर तरफ तारीफ हो रही है लेकिन उन्होंने किस दर्द में यह पारी खेली, यह कोई नही जानता हैं। दर्द के साथ संघर्ष करते हुए उन्होंने शानदार शतक जड़ा।
शतक से पहले जायसवाल को आया हाथों में क्रैंम्प
यशस्वी जायसवाल जब बल्लेबाजी कर रहे थे, तब अचानक उन्हें हाथ में तकलीफ महसूस हुई। यह उस वक्त की बात है जब उन्होंने शतक भी नहीं लगाया था, तभी उन्हें महसूस हुआ कि उनके दाएं हाथ में खिंचाव आ गया। जायसवाल दर्द से इतने ज्यादा परेशान हो गए कि मैच के दौरान तुरंत मैदान पर फिजियो को बुलाना पड़ा। फिजियो ने आकर उनकी गर्म कपड़े से सिकाई की तब जाकर उन्हें कुछ राहत मिली, लेकिन फिर कुछ देर बाद उनके हाथों में खिंचाव महसूस होने लगा।

बाद में उन्हें केला भी खिलाया गया। बताया जा रहा है कि उनके शरीर में बल्लेबाजी करने के दौरान पोटेशियम और मैग्नीशियम की कमी हो गई थी जिस कारण उनके हाथों में क्रैम्प पड़ने लगे थे। सबसे हैरानी की बात तो यह है कि तकलीफ में होने के बावजूद भी यशस्वी जायसवाल घबराएं नहीं और क्रिज पर रहकर उन्होंने अपने टेस्ट करियर का पांचवा शतक लगाकर ही दम लिया।
शतक लगाते ही खुशी से झूम उठे जायसवाल
जैसे ही यह यशस्वी जायसवाल ने शतक लगाया, वह अपना सारा दर्द भूल गए और खुशी से उछलने लगे। इससे यह साफ पता चल रहा था कि उन्हे अपने इस बेहतरीन पारी की अहमियत पता है। इंग्लैंड के खिलाफ पहले दिन यशस्वी जायसवाल ने 159 गेंद खेलते हुए 101 रनों की शानदार पारी खेली।

अपनी पारी के दौरान उन्होंने 16 चौके और 1 छक्के लगाए। इसके साथ ही लीड्स में ओपनर के रूप में शतक लगाने वाले वह पहले एशियाई बल्लेबाज भी बन चुके हैं।