MS Dhoni, अभिनव बिंद्रा ऑपरेशन सिंदूर के लिए भारतीय सेना के साथ करेंगे काम! भारत-पाक तनाव के बीच सरकार का बड़ा कदम

भारत-पाक तनाव के बीच केंद्र सरकार ने 9 मई को बड़ा कदम उठाते हुए सेना को टेरिटोरियल आर्मी को एक्टिवेट करने की अनुमति दी। जानिए क्या होती है टेरिटोरियल आर्मी और इसमें कौन-कौन हैं शामिल, MS Dhoni से लेकर नीरज चोपड़ा तक

iconPublished: 10 May 2025, 12:05 PM
iconUpdated: 10 May 2025, 12:06 PM

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच केंद्र सरकार ने 9 मई को एक अहम निर्णय लिया है। सरकार ने भारतीय सेना को टेरिटोरियल आर्मी (TA) को एक्टिवेट करने की अनुमति दे दी है। इसका मतलब है कि जरूरत पड़ने पर थल सेना प्रमुख टेरिटोरियल आर्मी से जुड़े अधिकारियों और जवानों को बुला सकते हैं।

उन्हें गार्ड ड्यूटी जैसे जरूरी सैन्य कार्यों में तैनात किया जा सकता है या फिर सीधे सेना के साथ काम पर लगाया जा सकता है। यह फैसला "टेरिटोरियल आर्मी रूल्स 1948" के नियम 33 के तहत लिया गया है।

पहलगाम हमले के बाद बढ़ा तनाव, भारत की जवाबी कार्रवाई

गौरतलब है कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों के हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 6 मई की रात को पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत हवाई हमले किए।

MS Dhoni समेत कई चर्चित चेहरे टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा

टेरिटोरियल आर्मी में कई नामी हस्तियां भी शामिल हैं। इनमें पूर्व क्रिकेट कप्तान MS Dhoni, ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और कांग्रेस नेता सचिन पायलट जैसे नाम हैं। MS Dhoni 2011 में टेरिटोरियल आर्मी से जुड़े और 2019 में कश्मीर में विक्टर फोर्स के साथ 15 दिन की ड्यूटी भी कर चुके हैं। MS Dhoni ऑनरेरी लेफ्टिनेंट की रैंक मिली है। वहीं, अभिनव बिंद्रा भी 2011 में सिख रेजीमेंट के तहत इस फोर्स में शामिल हुए थे।

MS Dhoni (right) and shooter Abhinav Bindra (left) salute after being conferred the rank of Lieutenant Colonel in the Territorial Army | ESPNcricinfo.com

टेरिटोरियल आर्मी क्या काम करती है?

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, टेरिटोरियल आर्मी में इंफ्रेंट्री की कुल 32 बटालियन हैं। इन बटालियनों को देश के विभिन्न सैन्य कमांड—जैसे कि साउथर्न, ईस्टर्न, वेस्टर्न, सेंट्रल, नॉर्दर्न और साउथ वेस्टर्न कमांड—में तैनात किया जाएगा। टेरिटोरियल आर्मी को नियमित सेना की 'सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस' माना जाता है। इसमें ऐसे नागरिक शामिल होते हैं जिन्होंने स्वेच्छा से सेना में शामिल होने की इच्छा जताई हो और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया हो, ताकि आपात स्थिति में देश की रक्षा के लिए तैयार रह सकें।

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