टेस्ट फॉरमैट से संन्यास लेने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली (Virat Kohli) वृंदावन पहुंचे जहां उन्होंने एक बार फिर से प्रेमानंद महाराज के आश्रम जाकर उनसे मुलाकात की। लगभग 15 मिनट तक उन्होंने महाराज जी से बातचीत की जिसकी कई तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। इस दौरान उनकी पत्नी अनुष्का शर्मा भी वहां मौजूद रही।
सोशल मीडिया पर विराट कोहली (Virat Kohli) के हाथों में एक मशीन दिखाई दे रही है जिसे लेकर एक अलग ही चर्चा छिड़ चुकी है। कुछ लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर कोहली के हाथ में यह जो मशीन है उसका क्या काम होता है और कोहली ने इसे अपने हाथ में क्यों रखा है।
हाथों में ये डिवाइस लेकर प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे Virat Kohli

प्रेमानंद महाराज से मिलने जब विराट कोहली (Virat Kohli) और अनुष्का शर्मा पहुंचे तो वहां एकांत में भी उन्होंने महाराज जी से वार्तालाप किया. दोनों उस आश्रम में लगभग 3 घंटे तक रुके थे जिनके चेहरे पर संतुष्टि और खुशी साफ झलक रही थी। हालांकि प्रेमानंद महाराज जी से मिलने के दौरान विराट कोहली के हाथ में एक डिवाइस नजर आया। उन्होंने उंगली में काउंटर मशीन रखा था। अब कुछ लोग यह समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर महाराज जी से मिलने के दौरान विराट के हाथ में यह काउंटर मशीन क्या कर रहा है
तो आपको बता दे कि आम तौर पर यह देखा जाता है कि वृंदावन में जो भक्त होते हैं, वह अपने गुरु, भगवान या अपने इष्ट देवता का नाम जपने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इससे यह स्पष्ट रूप से पता चल पाता है कि आपके द्वारा भगवान का नाम कितनी बार जपा गया है जिसकी गिनती इस मशीन में रिकॉर्ड हो जाती है। कई लोगों को याद नहीं होता कि उन्होंने भगवान का नाम कितनी बार लिया है इसलिए इस मशीन का इस्तेमाल होता है।
जाने क्या है इस डिवाइस की खासियत
विराट (Virat Kohli) के हाथ में जो काउंटर मशीन है वह भक्तों के लिए काफी काम की मशीन मानी जाती है। आमतौर पर लोग 108 बार जब भगवान का नाम जपते हैं तो इस दौरान वह बीच में भूल जाते हैं कि उन्होंने कितनी बार गिनती की हो लेकिन इस मशीन में वह सब रिकॉर्ड हो जाता है।
हालांकि इसी तरह का एक डिवाइस अनुष्का शर्मा के हाथों में भी था लेकिन वह इस डिवाइस को छुपाती नजर आई। जब दोनों महाराज जी से मिलने पहुंचे तो प्रेमानंद जी ने उन्हें सुखी रहने का मंत्र दिया और दोनों की जुबान पर राधे-राधे था। आपको बता दे कि यह तीसरी बार था जब वह संत प्रेमानंद से मुलाकात करने पहुंचे थे। इससे पहले वह अपने दोनों बच्चों के साथ उनसे मिलने के लिए आए।