Jasprit Bumrah: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। अब वे इस फॉर्मेट में नहीं खेलेंगे और टीम इंडिया की कप्तानी भी करते हुए नजर नहीं आने वाले हैं। ऐसे में रोहित के संन्यास लेने के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर टीम इंडिया की इस फॉर्मेट में कप्तानी कौन करता हुआ नजर आएगा।
3 कारण क्यों शुभमन गिल से बेहतर कप्तान साबित हो सकते हैं जसप्रीत बुमराह

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Jasprit Bumrah: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। अब वे इस फॉर्मेट में नहीं खेलेंगे और टीम इंडिया की कप्तानी भी करते हुए नजर नहीं आने वाले हैं। ऐसे में रोहित के संन्यास लेने के बाद से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि आखिर टीम इंडिया की इस फॉर्मेट में कप्तानी कौन करता हुआ नजर आएगा।
भारतीय टेस्ट टीम की कप्तानी की रेस में शुभमन गिल(Shubman Gill) सबसे आगे चल रहे हैं। हालांकि, तमाम क्रिकेट जानकारों का मानना है कि गिल को कप्तान बनाना सबसे बड़ी गलती होगी और उनके स्थान पर जसप्रीत बुमराह(Jasprit Bumrah) को कप्तान बनाया जाना चाहिए। ऐसे में हम यहां पर बात करने वाले हैं कि आखिर वो कौन से 3 कारण हैं, जिसकी वजह से बुमराह गिल से बेहतर कप्तान साबित हो सकते हैं।
Jasprit Bumrah को कप्तानी का अनुभव
जसप्रीत बुमराह को भारत की टेस्ट टीम की कप्तानी का भी अनुभव है। उन्होंने भारत के लिए 2018 में डेब्यू किया और पिछले 7 सालों से खेल रहे हैं। इस दौरान उन्होंने विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों की कप्तानी में खेले हैं। इस दौरान बुमराह को काफी कुछ सीखने को मिला है और उन्होंने अब तक जितने टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। अपना प्रभाव छोड़ा है और इस वजह से वे बेहतर साबित हो सकते हैं।

गेंदबाजों का बेहतर इस्तेमाल
बुमराह खुद एक गेंदबाज हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में उनकी गेंदबाजी की धार देखने को मिली थी। बुमराह जब कप्तानी कर रहे थे तो वे हर बड़े मौके पर खुद गेंदबाजी के लिए आते थे और विकेट भी हासिल करते थे। ऐसे में उनके ऊपर कप्तानी का कोई भी दबाव नहीं होता है। तो वहीं अगर गिल कप्तान बने तो उनकी बल्लेबाजी पर इसका प्रभाव देखने को मिल सकता है, जो भारत के लिए अच्छा नहीं होगा।
Jasprit Bumrah की चालाकी और सोचने की क्षमता
बुमराह की गेंदबाजी में हमें कई तरह की विविधता देखने को मिलती है। उनकी कप्तानी में भी यही देखने को मिला है। यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में पहले टेस्ट मैच में टीम इंडिया ने उनकी कप्तानी और गेंदबाजी की बदौलत ही जीत हासिल की थी। वे शांत होकर खेल पर नजर रखते हैं और उसके बाद रणनीति बनाते हैं।