IND vs ENG: लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान इंग्लैंड द्वारा ऋषभ पंत के खिलाफ अपनाई गई शॉर्ट बॉल रणनीति को लेकर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने नाराजगी जाहिर की है।
इंग्लैंज ने ऋषभ पंत को आउट करने के लिए चली घटिया चाल, सुनील गावस्कर हुए आगबबूला, सौरव गांगुली से कर डाली ये अपील

Sunil Gavaskar fumes on England team: भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच 10 जुलाई से लंदन के लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला जा रहा है। इस टेस्ट मैच के तीसरा दिन का खेल 12 जुलाई को खेला गया। इस दिन मैच की शुरुआत में ऋषभ पंत और केएल राहुल ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और 141 रनों की साझेदारी की। इस दौरान पंत चोटिल थे, फिर भी उन्होंने 74 रनों की पारी खेली। उनकी बल्लेबाजी के दौरान इंग्लैंड के गेंदबाजों ने उन्हें आउट करने के लिए घटिया चालें चलीं। जिसके बाद सुनील गावस्कर काफी नाराज दिखे।
सुनील गावस्कर ने 12 जुलाई को लॉर्ड्स में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच के दौरान इंग्लैंड की रणनीति पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने चोटिल ऋषभ पंत के खिलाफ 92 साल पुरानी 'बॉडीलाइन' रणनीति अपनाने के लिए इंग्लैंड की कड़ी आलोचना की। इस मामले में गावस्कर ने आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति के अध्यक्ष सौरव गांगुली से इस नियम पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।
क्या है पूरा मामला?
12 जुलाई को खेले गए तीसरे दिन के पहले सेशन में इंग्लिश गेंदबाजों ने लगातार शॉर्ट-ऑफ-लेंथ गेंदें फेंकी। खासकर ऋषभ पंत के खिलाफ, जो पहले से ही अपने बाएं हाथ की चोट से परेशान थे। कप्तान बेन स्टोक्स ने लेग साइड में छह फील्डर लगाकर पंत को निशाना बनाया। जब गेंदें बार-बार पंत के चोटिल हाथ पर लगीं और फिजियो को मैदान पर बुलाना पड़ा, तो कमेंट्री के दौरान सुनील गावस्कर ने अपनी नाराजगी जाहिर की।
View this post on Instagram
सुनील गावस्कर का बयान
सुनील गावस्कर ने कहा, "आज फेंकी गई 56 प्रतिशत गेंदें शॉर्ट थीं। उन्होंने बाउंड्री पर बाउंसर का इंतजार करते हुए चार फील्डर लगाए हैं। मेरे अनुसार, यह क्रिकेट नहीं है। जब वेस्ट इंडीज शॉर्ट गेंदबाजी कर रहा था, तो उन्होंने प्रति ओवर सिर्फ दो बाउंसर का नियम बनाया था। वह वेस्ट इंडीज की ताकत को रोकने के लिए था।"

सुनील गावस्कर ने आगे कहा, "अब हम बाउंसर फेंके जाते देख रहे हैं। जरा देखिए कि कैसा फील्ड लगाया गया है। यह क्रिकेट नहीं है। लेग साइड पर छह से ज्यादा फील्डर नहीं होने चाहिए। अगर सौरव गांगुली, जो आईसीसी पुरुष क्रिकेट समिति के अध्यक्ष हैं, इसे देख रहे हैं, तो कृपया सुनिश्चित करें कि अगली बार लेग साइड पर छह से ज्यादा फील्डर नहीं रखे जा सकें।"
'बॉडीलाइन' विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
बता दें कि 1932-33 की एशेज सीरीज में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया के महान बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन के खिलाफ ऐसी ही रणनीति अपनाई थी, जिसे 'बॉडीलाइन' कहा गया था। इसके खिलाफ भारी विरोध के बाद नियमों में बदलाव किया गया और खेल की भावना को प्राथमिकता देने की बात कही गई।
Read More Here:
पहली बार ICC टूर्नामेंट खेलेगी यह टीम, नीदरलैंड के साथ टी20 वर्ल्ड कप 2026 के लिए क्वालीफाई