Sachin Tendulkar: वनडे वर्ल्ड कप 2011 के दौरान सचिन तेंदुलकर के द्वारा बनाए गए एक कड़े नियम भारत को विश्वकप जीतने में अहम भूमिका निभाई थी।
समय पर आओ वरना 10,000 जुर्माना… सुरेश रैना ने बताया कैसे सचिन तेंदुलकर के कड़े नियम ने दिलाया था 2011 वर्ल्ड कप का खिताब

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Sachin Tendulkar: भारतीय क्रिकेट टीम ने वनडे वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला वानखेड़े स्टेडियम में जीतकर 28 साल बाद विश्व विजेता का खिताब अपने नाम किया था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को यादगार विदाई दी थी।
भारत क्रिकेट इतिहास में घरेलू जमीन पर वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम बनी। पूरे टूर्नामेंट में टीम का प्रदर्शन शानदार रहा। इस यादगार जीत में सचिन तेंदुलकर द्वारा बनाया हुआ एक कड़ा नियम भी अहम साबित हुआ, जिसका खुलासा अब सुरेश रैना ने किया है।
सचिन तेंदुलकर का क्या था कड़ा नियम?
यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया को दिए गए एक इंटरव्यू में सुरेश रैना ने बताया कि 2011 वर्ल्ड कप के दौरान सचिन तेंदुलकर और कोच गैरी कर्स्टन ने टीम का माहौल सकारात्मक बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए थे। इस दौरान सचिन तेंदुलकर ने एक अहम नियम बनाया था।
रैना ने कहा, “घरेलू जमीन पर इससे पहले कोई वर्ल्ड कप नहीं जीत पाया था, और हमने वो कर दिखाया। हम हमेशा एक टीम की तरह साथ खड़े रहे। सचिन तेंदुलकर ने एक नियम बनाया था कि हर किसी को सुबह 7:45 बजे ब्रेकफास्ट टेबल पर होना ही होगा, और जो लेट हुआ, उसे 10,000 रुपये जुर्माना देना पड़ता था।”
सुरेश रैना के लिए यादगार लम्हा
रैना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर-फाइनल में युवराज सिंह के साथ साझेदारी कर टीम को जीत दिलाई थी। उन्होंने बताया कि इस टूर्नामेंट का सबसे यादगार लम्हा उनके लिए फाइनल मुकाबले के दौरान आया, “जब पूरे स्टेडियम में लोग वंदे मातरम गा रहे थे, वो पल कोई भी नहीं भूल सकता।”
भारतीय टीम ने रचा था इतिहास
महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने इतिहास में अपना दूसरा विश्व कप खिताब अपने नाम किया था। इस ऐतिहासिक जीत के बाद पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ गई थी। इससे पहले, कपिल देव की कप्तानी में भारत ने 1983 में पहली बार विश्व कप ट्रॉफी पर कब्जा जमाया था।