भारत और इंग्लैंड के बीच 20 जून से शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड द्वारा हाल ही में पाटौदी ट्रॉफी का नाम बदलकर "एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी" रखने की घोषणा की गई थी, लेकिन अब इस फैसले पर ब्रेक लग गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मास्टर ब्लास्टर Sachin Tendulkar और ICC चेयरमैन जय शाह के दखल के बाद ECB और BCCI दोनों बोर्ड पाटौदी नाम को बरकरार रखने को राजी हो गए हैं।
Sachin Tendulkar के हस्तक्षेप ने बदला पूरा खेल
Cricbuzz की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के दिग्गज बल्लेबाज Sachin Tendulkar ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और दोनों बोर्ड से बातचीत की। उनका मानना था कि पाटौदी परिवार का भारतीय और इंग्लिश क्रिकेट में योगदान अमूल्य रहा है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता। ICC चेयरमैन जय शाह ने भी इस पहल में अहम भूमिका निभाई और पाटौदी नाम को सम्मान देने की आवश्यकता पर बल दिया।
ट्रॉफी लॉन्च करने का प्लान हुआ था स्थगित
WTC फाइनल के चौथे दिन एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के लॉन्च की योजना बनाई गई थी, लेकिन अहमदाबाद विमान हादसे में 241 लोगों की जान जाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बोर्डों ने निर्णय लिया कि ऐसे दुखद समय में ट्रॉफी लॉन्च करना उपयुक्त नहीं होगा।
क्यों अहम है पाटौदी ट्रॉफी?
2007 में भारत और इंग्लैंड के बीच पहली बार पाटौदी ट्रॉफी की शुरुआत हुई थी। इस ट्रॉफी का नाम नवाब मंसूर अली खान पाटौदी के सम्मान में रखा गया था, जो मात्र 21 साल की उम्र में भारत के सबसे युवा कप्तान बने थे। उनके पिता इफ्तिखार अली खान पाटौदी ने भी भारत और इंग्लैंड दोनों के लिए टेस्ट क्रिकेट खेला था।
एंडरसन और तेंदुलकर: दो महान खिलाड़ियों को सम्मान
ECB ने जिस नई ट्रॉफी का प्रस्ताव रखा था, उसका नाम इंग्लैंड के सबसे सफल तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन और टेस्ट क्रिकेट के सबसे बड़े रन स्कोरर सचिन तेंदुलकर के नाम पर था। एंडरसन ने जुलाई 2024 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया था और उनके नाम 188 टेस्ट में 704 विकेट हैं। वहीं, Sachin Tendulkar ने टेस्ट में 15,921 रन बनाए हैं।