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दिल्ली कैपिटल्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच आईपीएल 2025 का अब तक का सबसे रोमांचक मुकाबला खेला गाया। दोनों ही टीमों के बीच इस मुकाबले का फैसला सुपर ओवर में हुआ था और इसी कारण 4 सालो के बाद हमे सुपर ओवर देखने को मिला था।
इस मुकाबले में दिल्ली कैपिटल्स मुकाबले से बाहर नजर आ रही थी लेकिन Mitchell Starc ने अंतिम ओवर में काफी अच्छी गेंदबाज़ी की और इस मुकाबले को दिल्ली कैपिटल्स की तरफ मोड़ दिया था। हालाँकि एक ऐसा भी लम्हा आया था जब फैंस को लगा मिचेल स्टार्क के साथ नाइंसाफी हुई थी।
Mitchell Starc के साथ हुई नाइंसाफी?
इस मुकाबले के टाई होने के बाद दिल्ली कैपिटल्स ने Mitchell Starc को सुपर ओवर डालने का मौक़ा दिया था। इस ओवर के चौथी गेंद पर अंपायर ने नौ बॉल करार दिया था लेकिन उन्होंने लाइन को ओवरस्टेप नहीं नहीं किया था। रीप्ले में देखा गया बैकफुट की वजह से अंपायर ने नो बॉल करार दिया।
क्या कहते है नियम?
गेंदबाजी के दौरान Mitchell Starc का पिछला पैर रिटर्न क्रीज की लाइन के बेहद करीब था और उसका एक हिस्सा उस लाइन को छू भी रहा था। इसी आधार पर थर्ड अंपायर ने इसे नो बॉल करार दिया। हालांकि, कमेंट्री कर रहे साइमन डूल ने शुरुआत में इस फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि यह नो बॉल नहीं होनी चाहिए थी। लेकिन थोड़ी देर बाद उन्होंने अपनी बात सुधारते हुए स्वीकार किया कि जैसे ही गेंदबाज का पैर लाइन को छूता है, उसे नो बॉल माना जाता है।
MCC के नियम 21.5.1 के अनुसार, गेंदबाज का पिछला पैर गेंद फेंकते समय पूरी तरह से रिटर्न क्रीज के अंदर रहना चाहिए और वह लाइन को छूना नहीं चाहिए। अगर पैर लाइन को छूता है, तो यह सीधा नो बॉल माना जाएगा और बल्लेबाज को अगली गेंद पर फ्री हिट दी जाएगी। ऐसे में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि चूंकि स्टार्क का पैर लाइन को टच कर रहा था, इसलिए थर्ड अंपायर का नो बॉल देना नियमों के अनुसार सही था।
मिचेल स्टार्क का कमाल का सुपर ओवर
इस नौ बॉल के बावजूद Mitchell Starc ने कमाल आ सुपर ओवर डाला था जिसमें राजस्थान रॉयल्स की टीम सिर्फ 11 रन ही बना पाई थी। वें अपने पूरे 6 गेंद भी नहीं खेल पाए थे। इसके जवाब में दिल्ली कैपिटल्स ने 2 गेंद शेष रहते ही मुकाबला अपने नाम कर लिया था।
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