Ravindra Sante appointed mixed disabled Indian team captain: भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के दौरे पर है, जहां शुभमन गिल की कप्तानी में टीम इंडिया को इंग्लैंड से 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है। इंग्लैंड के इस दौरे पर यंग ब्रिगेड की कमान शुभमन गिल के हाथों में है।
लेकिन इसी बीच इंग्लैंड के दौरे के लिए एक और टीम इंडिया का ऐलान हो गया है जिसकी कप्तानी रवींद्र को सौंपी गई है। मुंबई के एक प्रतिभाशाली विकलांग खिलाड़ी रवींद्र संते (Ravindra Sante) को इस दौरे के लिए टीम इंडिया की लीडरशिप करने का मौका मिला है।
मिक्स्ड डिसेबल भारतीय टीम का कप्तान बने मुंबई के रवींद्र संते
जी हां...मिक्स्ड डिसेबल भारतीय क्रिकेट टीम इसी महीनें इंग्लैंड के दौरे पर जा रही है। इस दौरे पर मिक्स्ड डिसेबल भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड के खिलाफ 7 मैचों की टी20 सीरीज खेलने जा रही है। इस सीरीज के लिए रवींद्र गोपीनाथ संते (Ravindra Sante) को कप्तान नियुक्त किया गया है। इस सीरीज का आगाज 21 जून से होने जा रहा है। इस सीरीज का तीसरा मैच क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान में होगा। जो रवींद्र ही नहीं बल्कि पूरी भारती विकलांग टीम के लिए खास होने वाला है।

रवींद्र गोपीनाथ संते का मुंबई से लॉर्ड्स तक का कैसा है सफर?
ये रवींद्र संते (Ravindra Sante) के लिए किसी सपने के सच होने जैसा है। क्योंकि उनकी कहानी बहुत ही प्रेरणादायक है। जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। तो चलिए आपको बताते हैं रवींद्र संते कैसे पूरा करने जा रहे हैं मुंबई से लॉर्ड्स तक का सफर?
बहुत ही रोचक रही है रवींद्र संते की कहानी
मुंबई के 36 साल के रवींद्र गोपीनाथ संते बचपन से ही विकलांग है। उनका दांया हाथ शुरुआत से लकवाग्रस्त है। लेकिन उनकी जिद के आगे इस कमजोरी ने हार मान ली और स्पिन बॉलिंग ऑलराउंडर के रूप में रवींद्र संते ने मुंबई के कई टूर्नामेंट्स में जबर्दस्त प्रदर्शन किया।
उन्होंने मुंबई में कई जगह अपनी छाप छोड़ी और लोगों के दिलों में जगह बनायी। रवींद्र संते मिक्स्ड डिसेबल भारतीय क्रिकेट टीम के सपोर्टिंग कोच रवींद्र पाटिल से ट्रेनिंग लेने के लिए उन्होंने डोंबिवली से विरार तक रोजाना लोकल ट्रेन में 116 किलोमीटर का सफर किया और आज आखिरकार उन्होंने अपनी जिद और मेहनत के दम पर भारतीय टीम को लीड करने का मौका हासिल किया है।