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How did Rohit Sharma become an opener in Tests: भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक से एक महान टेस्ट ओपनर बल्लेबाज रहे हैं। जिसमें सुनील गावस्कर से लेकर वीरेंद्र सहवाग जैसे जबरदस्त ओपनर बल्लेबाज हुए हैं। भारत के लिए टेस्ट में सर्वश्रेष्ठ ओपनिंग बल्लेबाजों में एक नाम रोहित शर्मा (Rohit Sharma) का भी रहा है। रोहित शर्मा ने भले ही साल 2013 में टेस्ट में अपने करियर का आगाज किया। लेकिन हिटमैन को टेस्ट में वास्तविक पहचान 2019 वर्ल्ड कप के बाद मिली।
Rohit Sharma को किसने बनाया टेस्ट में ओपनर बल्लेबाज?
2019 में भारतीय क्रिकेट टीम मैनेजमेंट ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को टेस्ट फॉर्मेट में बतौर ओपनर बल्लेबाज ट्राई किया और इसके बाद तो रोहित शर्मा टीम इंडिया के लिए जबरदस्त ओपनर बल्लेबाज के रूप में साबित हुए। उन्होंने कमाल का प्रदर्शन करते हुए टीम इंडिया के एक बेहतरीन ओपनर बल्लेबाज के रूप में अपनी जगह स्थापित की। आखिर रोहित शर्मा जो नंबर-5 और 6 पर टेस्ट में खेला करते थे, उन्हें ओपनिंग बनाने का किसका सबसे बड़ा हाथ रहा?
रवि शास्त्री ने किया बड़ा दावा, रोहित को उन्होंने बनाया टेस्ट में ओपनर
ये एक वो सवाल है जिसे कई बार फैंस सोचते होंगे। आखिरकार अब रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को टेस्ट फॉर्मेट में ओपनर बनाने में किसका अहम योगदान रहा इसका खुलासा हो गया है। जी हां... टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने दावा किया है कि उन्होंने ही सबसे पहले हिटमैन को टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग में बल्लेबाजी कराने की बात की थी। जहां उन्होंने तात्कालिन कप्तान विराट कोहली से बात की और रोहित को ओपनिंग के लिए भेजा। इसके बाद रोहित शर्मा ने टेस्ट में बतौर सलामी बल्लेबाज धमाका किया और दिग्गज सलामी बल्लेबाज बने।
रवि शास्त्री ने रोहित शर्मा को ओपनिंग करने के लिए किया राजी
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रहे रवि शास्त्री ने आईसीसी रिव्यू में बात करने के दौरान कहा कि, “चार, पांच नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए यह लड़का (Rohit Sharma) ऊब जाता था। मैंने फिर इस पर विचार करना शुरू किया कि वह वनडे क्रिकेट में इतना सफल क्यों है? वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर जल्दी जाना पसंद करता है।“
इसके बाद उन्होंने आगे कहा कि, “मैंने सोचा कि अगर उसे पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाए तो उसके पास तेज गेंदबाजों को खेलने, शॉट लगाने के लिए पर्याप्त समय होगा। उसके लिए मंच तैयार था। वह अगर इसे अपना ले तो उसके टेस्ट करियर को नई दिशा मिल सकती है।“
शास्त्री ने कहा, “उन्होंने पांचवें और छठे नंबर पर काफी बल्लेबाजी की, लेकिन वह पूरी एकाग्रता नहीं दिखा पाते थे। वह 20 , 30 रन बनाकर अपना विकेट गंवा देते थे। मैंने सोचा चलो उसे दबाव में डालते हैं और उसे बल्लेबाजी क्रम में ऊपर भेजते हैं। मुझे याद है कि मैंने उससे वेस्टइंडीज में कहा था ‘हम चाहते हैं कि तुम पारी का आगाज करो।“