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Sourav Ganguly Natwest
2002 में लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर नेटवेस्ट सीरीज के फाइनल में भारत की जीत के बाद, कप्तान सौरव गांगुली ने अपनी शर्ट उतारकर जश्न मनाया था, जो आज भी क्रिकेट इतिहास के चर्चित पलों में से एक है। हाल ही में, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस घटना से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया।
राजीव शुक्ला, जो उस समय भारतीय टीम के मैनेजर थे, ने बताया कि जब भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ 326 रनों का लक्ष्य हासिल किया, तो गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतारकर खुशी जाहिर की। गांगुली चाहते थे कि पूरी टीम इस तरह से जश्न मनाए, लेकिन सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने विनम्रता से इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया।
गांगुली का यह कदम इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को उसी के अंदाज में जवाब देने के लिए था, जिन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक मैच जीतने के बाद अपनी शर्ट उतारकर लहराई थी। गांगुली ने अपनी आत्मकथा 'ए सेंचुरी इज नॉट एनफ' में इस घटना का जिक्र करते हुए कहा कि यह क्रिकेट के जुनून और जीत की खुशी में किया गया था, लेकिन बाद में उन्हें इस पर पछतावा भी हुआ।
Sachin Tendulkar ने दिया था सुझाब
सचिन तेंदुलकर ने इस तरह के जश्न को क्रिकेट की मर्यादा के खिलाफ माना और इसलिए उन्होंने शर्ट उतारने से इनकार किया। राजीव शुक्ला के अनुसार, सचिन का मानना था कि क्रिकेट एक जेंटलमैन का खेल है और इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है।
इस घटना ने भारतीय क्रिकेट में एक नई आक्रामकता और आत्मविश्वास का परिचय दिया, जो आने वाले वर्षों में टीम की पहचान बनी। हालांकि, यह भी दिखाता है कि टीम में विभिन्न दृष्टिकोण और विचारधाराएं थीं, जो खेल की विविधता और समृद्धि को दर्शाती हैं।
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