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Kranti Gaud got a ticket to Team India: हिंदी फिल्म चक दे इंडिया तो आपने देखी ही होगी। इसमें वो 70 मिनट वाला डायलॉग फैंस की जुबां पर चढ़ता रहा है। जब भी किसी प्लेयर को मोटिवेशन की जरूरत होती है तो 70 मिनट वाला डायलॉग सबसे पहले जुबां पर आ जाता है। चद दे इंडिया में शाहरुख खान की हॉकी इंडिया ने 70 मिनट में अपने भाग्य को बदल दिया था। वो तो रिल स्टोरी थी। लेकिन अब एक रियल स्टोरी 70 की संख्या के साथ जुड़ी है। जहां 70 मिनट नहीं बल्कि 70 किलोमीटर ने टीम इंडिया (Team India) में एक खिलाड़ी की तकदीर बदलकर रख दी।
70 किलोमीटर ने बदल दी तकदीर, Team India में मिला मौका
जी हां.... 70 किलोमीटर का एक वो फासला तय कर एक खिलाड़ी ने अपनी काबिलियत का लोहा मनवाकर आज टीम इंडिया (Team India) का टिकट हासिल कर लिया है। इस क्रिकेटर ने अपने कोच के भरोसे को 70 किलोमीटर का फासला तय कर ऐसा हासिल किया कि उन्हें अब ब्लू जर्सी पहनने का मौका मिल गया है और टीम इंडिया का हिस्सा बन गई है। हम यहां पर 21 साल की महिला क्रिकेटर क्रांति गौड़ की बात कर रहे हैं।
मध्यप्रदेश की क्रांति गौड़ की कहानी फिल्मी स्टोरी से नहीं है कम
मध्यप्रदेश की क्रांति गौड़ को 70 किलोमीटर के एक फासले ने आज टीम इंडिया (Team India) की जर्सी पहनने का मौका दे दिया है। चलिए अब हम बताते हैं क्रांति गौड़ के 70 किलोमीटर की दूरी की पूरी कहानी
दरअसल क्रांति गौड़ को हमने पहली बार वुमेंस प्रीमियर लीग में यूपी वॉरियर्स की टीम में देखा जब उन्हें 10 लाख रुपये में इस टीम ने खरीदा। तेज गेंदबाजी की काबिलियत रखने वाली क्रांति गौड़ पहले लेदर बॉल से ही खेलती रहती थी। जहां उन्होंने अपनी प्रतिभा से प्रभावित किया। जहां पहले ही मैच में कमाल का प्रदर्शन करने के बाद क्रांति गौड़ को दूसरे मैच के लिए 70 किलोमीटर दूर जतारा जाना पड़ा। मध्यप्रदेश के तिकमगढ़ जिले में स्थित छोटे से शहत जतारा में क्रांति गौड़ को खेलने का मौका मिला। जहां उन्होंने लेदर बॉल क्रिकेट से ऐसा प्रभाव छोड़ा कि वहां पर छतरपुर जिला क्रिकेट संघ के सचिव और सागर डिवीजन के कोच राजीव बिलथरे हैरान रह गए।
कोच राजीव बिलथरे के सपोर्ट से आज मिली महिला टीम में मौका
राजीव बिलथरे इस मैच के दौरान क्रांति गौड़ की गेंदबाजी स्पीड से हैरान रह गए और उन्होंने तुरंत ही उससे संपर्क कर अपनी क्रिकेट एकेडमी में ले लिया। इसके बाद राजीव बिलथरे ने क्रांति गौड़ के पिता से बात की। उन्होंने क्रांति के पिता से आग्रह किया कि वो अपनी बेटी को छत्तरपुर ही छोड़ दें क्योंकि इस छोरी में टैलेंट की कोई कमी नहीं थी। राजीव के कहने पर क्रांति के पिता मान गए। इसके बाद क्रांति को लेकर राजीव बिलथरे ने पूरा जोर लगा दिया।
क्रांति गौड़ के परिवार में 6 भाई बहन थे, जिसमें क्रांति सबसे छोटी थी। परिवार से उन्हें पूरा सपोर्ट मिला। और आज श्रीलंका के दौरे पर टीम इंडिया (Team India) यानी भारतीय महिला क्रिकेट टीम में डेब्यू का मौका मिला गया। अब वो आगे अपने टैलेंट से देश का नाम रोशन करेगी।