एमएस धोनी को नहीं मिलेगा 'कैप्टन कूल' का ट्रेडमार्क! यहां पर फंस गया पेंच

MS Dhoni: टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को उनके लोकप्रिय उपनाम 'कैप्टन कूल' का ट्रेडमार्क हासिल करने की राह में कानूनी अड़चन आ गई है। दिल्ली के एक वकील ने धोनी के आवेदन पर आपत्ति दर्ज कर दी है, जिससे यह मामला अब ट्रेडमार्क कानून की धारा 21 के तहत औपचारिक आपत्ति कार्यवाही में प्रवेश कर चुका है।

iconPublished: 08 Jul 2025, 05:28 PM
iconUpdated: 08 Jul 2025, 05:29 PM

MS Dhoni Trademark Captain Cool: भारतीय क्रिकेट के सबसे मशहूर कप्तानों में से एक, महेंद्र सिंह धोनी को उनका फेमस निकनेम ‘कैप्टन कूल’ अपने नाम से रजिस्टर कराने में दिक्कत आ रही है। दरअसल, दिल्ली के एक वकील ने इस नाम को लेकर कानूनी आपत्ति दर्ज की है। इसी वजह से अब ये मामला उलझ गया है और धोनी को ‘कैप्टन कूल’ का ट्रेडमार्क मिलने में मुश्किल हो रही है।

'केएनालिसिस अटॉर्नीज़ एट लॉ' नाम की एक बड़ी कानून फर्म ने इस ट्रेडमार्क पर औपचारिक आपत्ति जताई है। फर्म का कहना है कि इस आवेदन में कई बड़ी प्रक्रियागत गलतियां हैं, इसके पहले इस्तेमाल के कोई पक्के सबूत नहीं दिए गए हैं और यह शब्द बहुत आम है, जिसे कोई अपना नहीं बना सकता।

ट्रेडमार्क प्रक्रिया और कानूनी आपत्ति की वजहें

एमएस धोनी ने 'कैप्टन कूल' नाम का ट्रेडमार्क रजिस्टर कराने के लिए जो आवेदन दिया था, वो जून 2025 में कोलकाता ट्रेडमार्क ऑफिस में छपा था। नियमों के मुताबिक, ये ट्रेडमार्क 16 जून 2025 को ऑफिशियल जर्नल में पब्लिश किया गया ताकि अगर किसी को इससे आपत्ति हो तो वो अपना विरोध दर्ज कर सके। अगर 16 जून से 120 दिन के अंदर कोई आपत्ति नहीं आती, तो ट्रेडमार्क धोनी को मिल सकता है। लेकिन एक लीगल फर्म ने प्रेस रिलीज जारी कर रजिस्ट्री के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है।

अधिवक्ता नीलांशु शेखर की अगुवाई में एमएस धोनी के 'कैप्टन कूल' ट्रेडमार्क पर आपत्ति दर्ज की गई है। इसमें कुछ अहम बातें कही गई हैं:

  • सबूत नहीं दिए गए: फर्म ने कहा कि एमएस धोनी का दावा पहले सिर्फ "इस नाम को इस्तेमाल करने की योजना" के आधार पर था। बाद में उन्होंने कहा कि वो 2008 से इसे इस्तेमाल कर रहे हैं, लेकिन इसके कोई पक्के सबूत जैसे बिल, विज्ञापन या डेटा नहीं दिए गए।
  • ये शब्द पहले से आम है: आपत्ति में कहा गया कि 'कैप्टन कूल' एक आम और तारीफ में इस्तेमाल होने वाला शब्द है। क्रिकेट में धोनी से पहले भी इसका इस्तेमाल होता रहा है।
  • प्रक्रिया में गड़बड़ी: फर्म का कहना है कि रजिस्ट्री ने इस ट्रेडमार्क को मंजूरी देते समय जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया। पहले से मौजूद एक पंजीकृत ट्रेडमार्क पर विचार नहीं किया गया और जरूरी नोटिस भी नहीं भेजे गए।
  • पहचान का ठोस सबूत नहीं: धोनी की ओर से यह दावा किया गया कि यह नाम अब उनकी पहचान बन गया है, लेकिन फर्म के मुताबिक इस नाम की लोकप्रियता या खेल से जुड़ी सेवाओं में इसके इस्तेमाल का कोई पुख्ता सबूत नहीं दिया गया।

धोनी क्यों चाहते हैं 'कैप्टन कूल' का ट्रेडमार्क?

महेंद्र सिंह धोनी ने "कैप्टन कूल" नाम को अपने नाम पर रजिस्टर कराने के लिए क्लास 41 के तहत ट्रेडमार्क का आवेदन किया है। ये क्लास उन चीजों से जुड़ी होती है जो पढ़ाई, ट्रेनिंग, एंटरटेनमेंट, खेल और सांस्कृतिक एक्टिविटीज से जुड़ी होती हैं। धोनी चाहते हैं कि "कैप्टन कूल" नाम का इस्तेमाल सिर्फ वही कर सकें, खासकर खेल से जुड़ी ट्रेनिंग और कोचिंग में, ताकि कोई और इस नाम का बिजनेस के लिए इस्तेमाल न कर सके।

Law Firm Opposes MS Dhoni Captain Cool Trademark Controversy

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