अब Cricket में इतिहास बन जाएगा Soft Signal Rule, ICC ने लिया बड़ा फैसला

इस नियम को हटाने की वजह ये है, कि ये एक विवादास्पद नियम है। इस नियम के तहत दिए गए अधिकांश निर्णयों पर विवाद खड़े होते रहे हैं, इसलिए इसे खत्म करने का निर्णय लिया गया है। 

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By Puneet Sharma
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image credit ipl/ bcci

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ICC ने क्रिकेट (Cricket) के महत्वपूर्ण नियमों में से एक बड़े नियम में बदलाव करने का निर्णय लिया है। क्रिकेट का एक नियम अब खत्म किया जाएगा। ये नियम जो खत्म किया जाना है, वो नियम है सॉफ्ट सिग्नल नियम।( Soft Signal Rule)। इस नियम को हटाने की वजह ये है, कि ये एक विवादास्पद नियम है। इस नियम के तहत दिए गए अधिकांश निर्णयों पर विवाद खड़े होते रहे हैं, इसलिए इसे खत्म करने का निर्णय लिया गया है। 

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अब नहीं दिखेगा सॉफ्ट सिग्नल नियम

wtc final

क्रिकेट के मैदान पर अब सॉफ्ट सिग्नल नियम नहीं दिखेगा, अब मैदान पर मौजूद अंपायर्स जब किसी डिसीजन को थर्ड अंपायर को रेफर करेंगे, तो वो सॉफ्ट सिग्नल नहीं देंगे।  ICC की क्रिकेट कमेटी के अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है। रिपोर्ट के अनुसार WTC फाइनल में सॉफ्ट सिग्नल नियम का प्रयोग किया जा सकता है। 

विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल (WTC Final) 7 से 11 जून तक भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच इंग्लैंड के ओवल में खेला जाएगा। WTC फाइनल के लिए 12 जून को रिजर्व डे के तौर पर रखा गया है। बताया जा रहा है कि WTC  फाइनल में खेलने वाली दोनों टीमों भारत और ऑस्ट्रेलिया को इस नियम परिवर्तन के बारे में अवगत करा दिया गया है। 

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क्या है विवादास्पद सॉफ्ट सिग्नल नियम? 

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दरअसल इस नियम के अनुसार कोई भी ऑन फील्ड अंपायर अपने किसी फैसले के लिए थर्ड अंपायर से मदद ले सकता है। ऑन फील्ड अंपायर किसी फैसले में कोई संदेह होने पर उस निर्णय को थर्ड अंपायर को रेफर करता है। रेफर करते समय उसे अपना फैसला भी बताना होता है, कि उसे क्या लग रहा है। थर्ड अंपायर वीडियो फुटेज के आधार पर निर्णय करता है। लेकिन कभी-कभी वीडियो फुटेज में चीजें क्लियर नहीं हो पातीं कि थर्ड अंपायर कोई निर्णय ले सके।

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उस स्थिति में थर्ड अंपायर को पर्याप्त सबूतों के अभाव में अंपायर के निर्णय को ही मानना होता है। वो ऑन फील्ड अंपायर्स के फैसले को पर्याप्त सबूत मिलने पर ही पलट सकता है। इसलिए क्रिकेट में ऑन फील्ड अंपायर के सॉफ्ट सिग्नल का महत्व बहुत होता है। कई बार उसके एक निर्णय से मैच का रुख बदल जाता है। 

इस निर्णय पर विवाद खासतौर पर LBW के निर्णय में होता है, जब एक ही स्थिति में दो अंपायर अलग-अलग निर्णय लेते हैं, तो थर्ड अंपायर को बॉल ट्रेकिंग में अंपायर्स कॉल होने पर उसी के अनुसार निर्णय देना होता है। एक अंपायर ने उस स्थिति में बल्लेबाज को नॉट आउट करार दिया है, तो वो अंपायर्स कॉल के कारण नॉट आउट माना जाएगा। जबकि उसी स्थिति में दूसरे अंपायर द्वारा बल्लेबाज को आउट करार दिए जाने के कारण उसे आउट माना जाएगा। यही भेदभाव इस विवाद की जड़ थी। 

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