वेस्टइंडीज (West Indies) की टीम एक समय अजेय हुआ करती थी, वेस्टइंडीज में जाकर उसे हराने की तो बात ही छोड़िए, कोई टीम उसे अपने घर में हराना भी बड़ी बात समझती थी। टीमें वेस्टइंडीज के खिलाफ हार से बचने को ही अपनी जीत मानती थीं। वेस्टइंडीज की पेस अटैक से उस समय के दुनियाभर के बल्लेबाज काँपते थे। जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग, एंडी रॉबर्ट्स, कॉलिन क्रॉफ्ट, मैल्कम मार्शल सहित उस दौर के कैरेबियन गेंदबाजों की सारी दुनिया में तूती बोलती थी।
इसी दौर में एक ऐसा बल्लेबाज आया, जिसने न सिर्फ उनके तिलिस्म को तोड़ा, बल्कि उल्टा उनके अंदर अपने प्रति खौफ पैदा कर दिया। ये गेंदबाज उस बिना हेलमेट के उनका बेखौफ अंदाज में सामना करने वाले उस कद में छोटे मगर हौसले के मामले में ऊँचे उस बल्लेबाज को गेंदबाजी करने से कतराने लगे। ये बल्लेबाज कोई और नहीं भारत के महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर थे। भारत के पहले लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) आज 74 साल के हो गए हैं।
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डेब्यू सीरीज में मचाया तहलका
Happy birthday to my batting idol, the man we all wanted to bat like while growing up.
Happy birthday, Gavaskar sir! pic.twitter.com/LdfmPy2w0S
सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज के गेंदबाजों को डराने की शुरुआत अपनी डेब्यू सीरीज में ही कर दी थी, जब सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड उन्होंने अपने नाम कर लिया। तब उन्होंने वेस्टइंडीज के खतरनाक गेंदबाजों का सामना करते हुए 774 रन ठोके डाले, जिसमें 4 शतक भी शामिल थे।
उनका ये रिकॉर्ड इतने सालों बाद भी कोई बल्लेबाज नहीं तोड़ सका है। 52 साल से डेब्यू सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड आज भी उन्हीं के नाम है। उन्होंने टीम इंडिया की बैटिंग को एक मुकाम पर पहुँचाया। वो दस हजार रन बनाने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज हैं।
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गावस्कर की दिली इच्छाएं
Happy birthday sunny bhai!!! ❤️ #sunilgavaskar pic.twitter.com/GwHyqn5qRt
सुनील गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में जहाँ शतकों का अंबार लगा दिया, तो वहीं वनडे में सेंचुरी लगाने की अपनी तमन्ना पूरी करने के लिए उन्हें लम्बा इंतजार करना पड़ा। उनकी ये इच्छा 1987 के विश्व कप के दौरान करियर के अंतिम पड़ाव पर पूरी हुई। जब उन्होंने न्यूजीलैण्ड के खिलाफ बुखार में भी बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ा। उन्होंने 103 रनों की नाबाद पारी खेली।
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उनकी एक और ख्वाहिश थी कि वो लॉर्ड्स (Lords) के मैदान में टेस्ट शतक जमाएं। लेकिन उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो सकी, लेकिन एमसीसी इलेवन के खिलाफ हुए अनऑफिशियल टेस्ट में उन्होंने विश्व एकादश की ओर से खेलते हुए जब शतक जड़ा तो अनऑफिशियल ही सही मगर लॉर्ड्स में शतक जमाने की अपनी तमन्ना पूरी की।
आगे की ख्वाहिशों के बारे में बताते हुए महान बल्लेबाज गावस्कर ने कहा है कि वो मरने से पहले 1983 विश्व कप (ODI World Cup) जीतने वाले पल को फिर से जीना चाहते हैं। साथ ही वो 2011 के उस पल को भी, जब टीम इंडिया (Team India) एक बार फिर विश्व विजेता बनी थी, एक बार फिर दोहराना चाहते हैं।
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सुनील गावस्कर का करियर रिकॉर्ड
"It was Gavaskar
The real master
Just like a wall
We couldn't out Gavaskar at all, not at all
You know the West Indies couldn't out Gavaskar at all"
Such was his greatness that even the opposition wrote songs about him 🙌🏽 Happy Birthday Sunny bhai, have a great one 🎂😊 #WIvIND pic.twitter.com/6qsqZ7HVZ8
सनी के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर विकेट पर टिककर धैर्य पूर्वक बैटिंग करने के लिए जाने जाते थे। जब वो क्रीज पर टिक जाते थे, तो उन्हें आउट करना कतई आसान नहीं होता था गेंदबाजों के पसीने छूट जाते थे।
उन्होंने भारत के लिए 125 टेस्ट मैचों में 10122 रन बनाए, जिसमें 34 शतक और 45 अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने टेस्ट मैचों में भारत के लिए 108 कैच भी लपके हैं। वहीं वनडे में उन्होंने भारत के लिए 108 वनडे मैचों में 3092 रन बनाए, जिसमें उनके इकलौते शतक के साथ 27 अर्धशतक भी शामिल हैं।