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भारतीय क्रिकेट में हाल ही में जो कुछ हुआ है, उसे महज एक 'सामान्य बदलाव' कहकर टालना शायद सच्चाई से मुंह मोड़ने जैसा होगा। Rohit Sharma के टेस्ट क्रिकेट से अचानक सन्यास लेने और उनके करीबी माने जाने वाले सपोर्ट स्टाफ को हटाने के फैसले ने ड्रेसिंग रूम के भीतर चल रही हलचलों को उजागर कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, रोहित शर्मा के ‘इनर सर्कल’ को निशाना बनाया गया, जो एक बड़े बदलाव का हिस्सा हो सकता है।
Rohit Sharma बनाम भारतीय टीम मैनेजमेंट?
Rohit Sharma का अचानक टेस्ट से संन्यास लेना क्रिकेट जगत को चौंका गया। अगर वो चाहें, तो बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (BGT) के तुरंत बाद रिटायर हो सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
विराट कोहली का मामला भी कुछ ऐसा ही रहा उन्होंने भी टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया और रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई ने उन्हें मनाने की कोशिश नहीं की। वहीं, रोहित पर भी चयनकर्ताओं की ओर से दबाव बनाए जाने की बात सामने आई है।
लेकिन जो सबसे बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है वो है सपोर्ट स्टाफ में बड़े पैमाने पर बदलाव। Rohit Sharma के करीबी माने जाने वाले असिस्टेंट कोच अभिषेक नायर को हटा दिया गया, जिन्हें BGT में हार का 'बलि का बकरा' बताया जा रहा है। उनके साथ फील्डिंग कोच टी दिलीप, स्ट्रेंथ कोच सोहम देसाई और मसाज थेरेपिस्ट अरुण कनाडे को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
क्या यह सब गौतम गंभीर का 'नया युग' है?
हालांकि बीसीसीआई की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन चर्चाएं गर्म हैं कि ये सारे फैसले नए हेड कोच गौतम गंभीर की सोच और रणनीति का हिस्सा हैं। गंभीर ऐसे कोच माने जाते हैं जो अपनी शर्तों पर काम करना पसंद करते हैं और किसी भी तरह की ढिलाई या ग्रुपबाज़ी को स्वीकार नहीं करते। गंभीर के आने के बाद टीम में अनुशासन और नई दिशा की बातें लगातार उठ रही हैं। ऐसे में, रोहित के करीबी स्टाफ को हटाना कहीं ना कहीं इस 'नए युग' की शुरुआत का संकेत हो सकता है।
ड्रेसिंग रूम में बढ़ी 'टॉक्सिसिटी'?
रिपोर्ट में एक और बड़ा दावा सामने आया — कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने टीम के माहौल को 'toxic' यानी ज़हरीला करार दिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, सपोर्ट स्टाफ के कुछ सदस्यों के साथ सामंजस्य की कमी और टीम के भीतर बनते-बिगड़ते समीकरण ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया था।
यह 'टॉक्सिसिटी' किस कारण थी Rohit Sharma की स्टाइल के प्रति वफादारी या नए सिस्टम से असहमति यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना तय है कि भारतीय ड्रेसिंग रूम में कुछ गंभीर असहमतियाँ पनप रही थीं, जिनका असर अब फैसलों में दिख रहा है।
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