Sachin Tendulkar बनते-बनते कैसे Vinod Kambli बन गए Ambati Rayudu, विवादों ने तबाह किया करियर

एक समय सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के उत्तराधिकारी माने जा रहे अंबाती रायडू का करियर विवादों की वजह से उस मुकाम को नहीं छू सका, जिसे उन्हें छूना चाहिए था।

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By Puneet Sharma
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IPL 2023 के फाइनल में गुजरात टाइटन्स (Gujarat Titans) और चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) के बीच होने वाले मुकाबले से पहले चेन्नई सुपर किंग्स  को एक झटका लगा है। उसके प्रतिभाशाली बल्लेबाज अंबाती रायडू (Ambati Rayudu) ने इस मैच के बाद आईपीएल से संन्यास लेने की घोषणा की है। उन्होंने ट्वीट करके अपने इस निर्णय की जानकारी दी है। 

अपने आईपीएल करियर की शुरुआत 2010 में मुंबई इंडियंस (Mumbai Indians) के साथ करने वाले रायडू  2018 से CSK का हिस्सा रहे हैं। एक समय सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के उत्तराधिकारी माने जा रहे अंबाती रायडू का करियर विवादों की वजह से उस मुकाम को नहीं छू सका, जिसे उन्हें छूना चाहिए था।

विवादों की वजह से वो दूसरे विनोद कांबली (Vinod Kambli) बन गए। जिन्होंने अपार प्रतिभा के बाद भी विवादों की वजह से निराश किया। पिछले कुछ समय से इस टेलेंटेड बल्लेबाज रायडू के खेल में गिरावट भी देखी जा रही थी।  

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खास नही रहा है पिछले 2 सालों से प्रदर्शन 

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अंबाती रायडू के लिए आईपीएल 2023 का ये सीजन कुछ खास अच्छा नहीं रहा है, वो इस सीजन संघर्ष ही करते नजर आए। लेकिन उनकी प्रतिभा को देखते हुए धोनी और सीएसके मैनेजमेंट ने उन पर भरोसा बनाए रखा है। उन्होंने इस सीजन 15 मैचों में 132.28 के स्ट्राइक रेट से 139 रन बनाए हैं। 

उनके लिए सिर्फ ये सीजन ही नहीं बल्कि पिछला सीजन भी विशेष अच्छा नहीं गुजरा था। पिछली साल भी उनका बल्ला खामोश था। वो अपने प्रदर्शन से इतने हताश हो गए थे, कि उन्होंने बीच टूर्नामेंट में ही खेल को अलविदा कहने की घोषणा कर दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने अपना इरादा बदल दिया। 

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पहले भी किया है संन्यास का ऐलान  

रायडू ने इस बार अपने संन्यास के समय यू टर्न नहीं लेने की बात इसलिए की है, क्योंकि दो बार वो पहले भी ऐसा कर चुके हैं। पिछले सीजन के दौरान भी बीच में ही उन्होंने संन्यास की घोषणा कर दी थी। हालांकि रायुडू बाद में अपने बयान पीछे हट गए और खेलना जारी रखा। इससे पहले 2019 में भी रायडू ने क्रिकेट से रिटायरमेंट का ऐलान किया और फिर फैसले से पलटते हुए वापसी भी की थी। 

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चयनकर्ताओं से लिया था पंगा 

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2019 में भी उन्होंने गुस्से में आकर चयनकर्ताओं पर भड़कते हुए संन्यास का ऐलान किया था। तब रायडू ने वनडे वर्ल्ड कप 2019 के लिए टीम इंडिया में जगह नहीं मिलने के बाद नाराज होकर संन्यास ले लिया था। उस समय रायडू अच्छी फॉर्म में थे और नंबर 4 की पोजीशन के प्रबल दावेदार थे। 

चयनकर्ताओं ने उस समय उनकी जगह ऑलराउंडर होने के कारण 3D प्लेयर बताकर विजय शंकर (Vijay Shankar) का चयन किया गया था। उन्होंने विजय शंकर को 3D बताने पर भी सवाल उठाए थे। हालांकि उन्होंने गुस्सा शांत होने पर संन्यास का ऐलान वापस ले लिया। लेकिन फिर चयनकर्ताओं से भिड़ने का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और फिर कभी उनकी टीम इंडिया में वापसी नहीं हो सकी।  

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ICL खेलने का भुगतना पड़ा खामियाजा  

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इसके अलावा उन्होंने बीसीसीआई से बगावत करते हुए 2007 में शुरू हुई, जी ग्रुप की बागी लीग इंडियन क्रिकेट लीग (ICL) में भी हिस्सा लिया था। 2007 से 2009 तक चली इस लीग का हिस्सा बनने के कारण BCCI ने कई खिलाड़ियों के साथ उन्हें भी बैन कर दिया था। इस कारण उन्हें टीम इंडिया में खेलने का सुनहरा अवसर भी खोना पड़ा। 

इस लीग में खेलने की वजह से वो 2010 तक आईपीएल से भी दूर रहे। फिर जब उन्होंने अपनी गलती मानते हुए कई अन्य खिलाड़ियों के साथ माफी मांगी, तब जाकर बीसीसीआई ने उन पर से बैन हटाया। तब जाकर वो आईपीएल और टीम इंडिया के लिए खेल सके। लेकिन इन विवादों ने अंबाती रायडू को उन ऊंचाइयों को नहीं चुने दिया जिन्हे छूने की उनमें क्षमता थी। 

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