आकाश दीप से मिलना था मना, ग्राउंड में काटी कई रातें... आज बना आंख का तारा, पंजा खोलने के बाद 'बिहार के लाल' का झलका दर्द

Akashdeep Struggle Story: एजबेस्टन टेस्ट में टीम इंडिया की जीत के सबसे बडे़ हीरो रहे आकाशदीप के लिए यहां तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं था, जिन्हें कई संघर्षों से गुजरना पड़ा।

icon द्वारा Nishu Raj
iconPublished: 07 Jul 2025, 04:18 PM
iconUpdated: 07 Jul 2025, 04:20 PM

Akashdeep Struggle Story: इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन में टीम इंडिया को जो ऐतिहासिक जीत मिली है, उसमें आकाशदीप की भूमिका बहुत बड़ी रही जिन्होंने जसप्रीत बुमराह की गैर मौजूदगी में 10 विकेट लेकर भारत की झोली में एक ऐसी जीत को डाला, जिसका पिछले 58 साल से इंतजार हो रहा था।

आकाशदीप के लिए यहां तक का सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा। उन्हें अपने क्रिकेट के शुरुआती दिनों कई चुनौतियों और संघर्षों का सामना करना पड़ा, लेकिन कभी भी आकाश ने हार नहीं मानी।

ग्राउंड में काटनी पड़ी कई रातें

आकाशदीप ने खुद एक पॉडकास्ट में ये खुलासा किया कि किस तरह संघर्ष के रास्ते क्रिकेट का सितारा बनने में वो सफल हुए। आकाशदीप जब क्रिकेट खेलते थे तो उस वक्त देर रात को घर पर लौटना मुश्किल हो जाता था, क्योंकि कई बार नाइट टूर्नामेंट के दौरान काफी रात हो जाती थी और उन्हें मैदान पर ही रात भर सोना पड़ता था, सुबह होकर वो अपने घर लौटते थे।

Akashdeep Struggle Story
Akashdeep Struggle Story

आकाशदीप बिहार के सासाराम के एक छोटे से गांव बड्डी के रहने वाले हैं। खुद इस बात का खुलासा आकाशदीप ने किया कि वो जिस जगह से आते हैं, वहां लोग क्रिकेट को समय की बर्बादी मानते थे। जब आकाशदीप क्रिकेट खेलते थे तब कोई भी मां-बाप अपने बच्चों को उनके पास नहीं भेजना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि आकाश के पास अगर उनका बच्चा जाएगा तो क्रिकेट खेलने से उसका भी भविष्य खराब हो जाएगा।

एजबेस्टन में रचा इतिहास

इंग्लैंड के खिलाफ एजबेस्टन टेस्ट में आकाशदीप ने पहली पारी में चार और दूसरी पारी में 6 विकेट लेकर इंग्लैंड की बैटिंग ऑर्डर को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।

आकाशदीप के लिए पिछले कुछ साल बिल्कुल भी अच्छे नहीं रहे। 16 साल की उम्र में उनके सिर से पिता का साया उठ गया और कुछ ही महीने बाद आकाश ने अपने भाई को खो दिया। इन सबके बावजूद उन्होंने क्रिकेट को अपना सहारा बनाया और अपने आसपास सुविधाओं की कमी होने के बावजूद भी उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा। ये क्रिकेट के प्रति उनके जुनून को दर्शाता है।

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